
बीकानेर,नेत्रकुम्भ महाजाँचशिविर में आने वाला प्रत्येक बाबा का भक्त आज इन्ही पंक्तियों को दोहराते हुए लोकदेवता बाबा रामदेवजी की प्रेरणा से स्थापित नेत्रकुम्भ के डॉक्टरों, तकनीशियनों व प्रबन्धकों को धन्यवाद दे रहा है।
सेवा, करुणा और संवेदनशीलता की पुण्यभूमि बन गया है नेत्रकुम्भ जहाँ डॉक्टर से लेकर प्रवेश के समय सुरक्षा जाँच करने वाला भाई भी प्रत्येक आने वाले जातरू को भक्त शबरी के घर आये प्रभु श्रीराम की तरह सत्कार देकर नेत्रजाँच कराने के लिए आमन्त्रित कर रहा है।
प्रबन्ध परिवार की इस भक्ति और आतिथ्य को देखकर भक्तों की भीड़ नेत्रकुम्भ में नेत्रजाँच कराने के लिए टूट पड़ी है। सुबह से ही जातरू और सुदूर सीमावर्ती गाँवों से लोग बस, जीप व टेक्टर में गाँव के बुजुर्ग, माताओं-बहनों ओर छोटे-छोटे नन्हे-मुन्ने बाल-गोपाल को लेकर आ रहे हैं। नेत्रकुम्भ कि प्रभावी और विश्वसनीय सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। गाँव-गाँव से आ रहे इन वृद्धजनों ने अपने जीवन में कभी नेत्रजाँच नही करवाई चाहे भले ही उनको कम या धुँधला दिख रहा हो लेकिन नेत्रकुम्भ इनके लिए घर बैठे गंगा की तरह आया है जहाँ प्यार, अपनापन और देखभाल से हमारे वृद्धजन सामने बैठे चिकित्सकों को नेत्रजाँच के साथ-साथ अपनी अन्य पीड़ा और मन की बात भी कहकर अपनी शारीरिक और मन की व्याधि का समाधान पा रहे हैं।
सेवा के पर्याय बन गए नेत्रकुम्भ में भारत स्काउट और गाइड के छोटे-छोटे प्रबन्धक भी आये हुए रोगियों को अपनी ड्यूटी के अनुसार दिशा-निर्देश दे रहे हैं और अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं। ये स्काउट अगले चार दिन नेत्रकुम्भ में विभिन्न सेवाकार्य करेंगे और सेवा के इस विलक्षण अनुभव को जीवन भर याद रखेंगे। यह अनुभव इनके जीवन में परोपकार ओर सहिष्णुता के भाव भी विकसित करेगा।
बाबा के भक्तों के लिए कल से निःशुल्क जल-पान और भोजन प्रसाद की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है। आने वाले बाबा के भक्तों को उच्च गुणवत्ता वाला शुद्ध और ताजा भोजन, चाय, विश्राम की व्यवस्था के साथ-साथ बाबा की पूजा अर्चना भी कर रहे हैं व नेत्र जाँच और दवा-चश्मा भी निःशुल्क प्राप्त कर रहे हैं।
कल दिनांक 16 अगस्त को 3243 लोगो का पंजीयन हुआ, 3183 लोगों की नेत्रजाँच हुई, 2456 लाभार्थियों को निःशुल्क चश्में ओर 2638 लोगों को दवाइयाँ प्रदान की गई।