Trending Now




बीकानेर,जिले में हर दिन सड़क हादसों में जिंदगी हार रही है। पिछले 16 दिनों में 17 लोग जिंदगी गवां चुके हैं। तेज रफ्तार, आवारा पशु, ओवरलोड हादसे की वजह बन रहे हैं। हादसों पर अंकुश लगाने की पुलिस तमाम कोशिशें कर चुकी है लेकिन परिणाम शून्य है।

सड़क हादसे में सर्वाधिक बिना हेलमेट व तेजगति से वाहन चलाने वाले मौत का शिकार बन रहे है। अकेले बीकानेर जिले की बात करें तो पिछले 27 दिन में 23 सड़क हादसे हुए, जिसमें 9 की मौत और 33 लोग घायल हुए है। इन हादसों में भी बाइक व पिकअप से ज्यादा हादसे हुए है।

पुलिस, आरटीओ व जिला प्रशासन ने मूंद रखी आंखें
सड़क हादसों को लेकर ज़िला प्रशासन, पुलिस व आरटीओ मूकदर्शक बने हुए है। जिम्मेदार विभाग बयानबाजी और कागजी खानापूर्ती कर इतिश्री कर लेते है जबकि हकीकत में हादसों को रोकने में कोई रुचि नहीं ले रहा।

पुलिस प्रशासन ने हादसों को रोकने के लिए हाइवे के लिए हाइवे मोबाइल, संबंधित थाने और आरटीओ विभाग की टीमें तैनात रहती है। यातायात पुलिस भी कार्रवाई करती है । इसके बावजूद हादसों पर अंकुश नहीं लग रहा।

11 फरवरी को बामनवाली के पास दो ट्रकों की भिड़ंत के बाद लगी आग, दो व्यक्तियों की मौत
12 फरवरी को सैरुणा थाना क्षेत्र में कार ट्रक से टकराई दिल्ली निवासी पति-पत्न की मौत
20 मार्च पलाना के पास कार (टवेरा) व ट्रक की टक्कर, दो की मौत
-25 मार्च को पूगल के पास ट्रेलर व बाइक की भिड़ंत, तीन की मौत

पुलिस सूत्रों की मानें तो जिले में पिकअप व बाइक के कारण सड़क हादसे ज्यादा हो रहे है। पिकअप चलाने वाले अघिकांश चालक अनुभवी नहीं होते है। खेत में काम करते और बैल गाड़ी व ऊंटगाड़ी से सीधा पिकअप व ट्रेक्टर चलाने लगते है। यह लोग राजमार्ग पर तेजगति से वाहन चलाकर दुर्घटनाकारित करते है। बाइक चालक तीन से पांच सवारी बैठा कर तेज गति से वाहन चलाते है, जिससे बाइक कंट्रोल नहीं होती और हादसे का शिकार हो जाती है।

सड़क हादसे चिंता की बात है। पुलिस हादसे रोकने के प्रयास करती है लेकिन जव तक आमजन सचेत नहीं होंगे हादसे नहीं थमेंगे। पुलिस तेजगति, क्षमता से अधिक सवारियों व बिना हेलमेट वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है।
सुनील कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण

Author