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बीकानेर पुलिस लाइन में 102 साल पहले बनी बैरक मंगलवार को अचानक भर्रभरा कर गिर गई। मुख्यालयों के उच्च अधिकारियों की लापरवाही व अनदेखी के चलते कई जवानों की जान चली जाती। गनीमत रही कि हादसे के समय बैरक की पट्टियां जिस तरफ से गिरी वहां कोई जवान नहीं था। हादसे का पता चलने पर पुलिस अधीक्षक योगेश यादव पुलिस लाइन पहुंचे और जवानों के कुशलक्षेम पूछी।हादसे में किसी भी जवान के खरोच तक नहीं आने पर राहत की सांस ली।

मंगलवार सुबह करीब सवा दस बजे पुलिस लाइन में मालखाने के पास वाली बैरक अचानक भर्रभरा कर गिर गई। बैरक करीब 120 फीट है। इस बैरक का 70 फीसदी हिस्सा गिर गया। हादसे के समय बैरक के एक छोर की तरफ 15-20 जवान थे। बैरक की पट्टियां अचानक गिरने से जवान घबरा गए और दौड़ कर बाहर भागे।

प्रत्यक्षदर्शी जवानों के मुताबिक पुलिस लाइन में बैरक गिरने से बड़ा हादसा हो सकता था। बताते है कि होली में सुरक्षा व्यवस्था में ड्यूटी लगने, होली पर हुए बीछवाल थाना क्षेत्र में दो मर्डर के आरोपियों को पकड़ने एवं चौखूंटी क्षेत्र में मर्डर के बाद तनाव होने के कारण बड़ी संख्या में जवान सुरक्षा में तैनात थे। सोमवार को मामले शांत होनो और आरोपियों के पकड़े जाने के बाद जवान आराम करने के लिए पुलिस लाइन में पहुंचे थे। सोमवार रात को हादसा हो जाता तो जानमाल का बड़ा नुकसान होता। मंगलवार सुबह भी हादसे के समय जवान मैस में गए हुए ते तो कुछ नहा-धो रहे थे।

उच्चाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान होती है लीपापोती
पुलिस में बनी बैरक 100 साल से अधिक पुरानी है। बताते हैं कि उच्चाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान बैरकों का रंग-रोगन कर लीपापोती कर ली जाती है। सूत्रों के मुताबित साल 2016 से बैरक की कुछ पट्टियां टूटी हुई थी, बैरक के अंदर खड़े होकर देखने से पता भी चलता था। अभी हाल ही में बीकानेर दौरे पर आए एडीजी ए. पौन्नूचामी को बैरक की पट्टियां टूटी होने से अवगत कराया था। उन्होंने भी मरम्मत कराने का कह कर टाल दिया था।

बैरक में करीब 100 जवान रहते थे, जिनमें एसडीआरएफ, होमगार्ड व पुलिस के जवान शामिल है। हादसे के समय जवानों का सामान बैरक में था। कूलर, पंखें, चारपाइयां, जवानों की अटैचियां मलबे में दब गई।

हादसे की सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक योगेश यादव लाइन पहुंचे, उन्होंने हादसे की जानकारी ली। संचित निरीक्षक देवकरण को क्षतिग्रस्त बैरक में रहलरहे जवानों को दूसरी बैरक में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।

पुलिस लाइन की एक बैरक की पट्टियां गिर गई। हादसे के समय बैरक में कोई जवान नहीं था। किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। हादसे के समय जवान बैरक में होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।
योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

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