बीकानेर, बीकानेर के आई जी ऑफ़िस में आज शनिवार की रात्रि को लोकदेवता बाबा रामदेवजी का जागरण मोडा राम सोलंकी एंड पार्टी द्वारा लगाया है, जो वर्तमान की संस्कृती में जागरण लगाने की मान मर्यादा को अभी की युवा जनरेशन भूल चुकी है । युवाओं द्वारा आज के जागरणों में केवल फिल्मी गानों के साथ लोकदेवता के भजन गाये जाते है।और इतिश्री कर दिया जाता है
लेकिन यहां के जागरण में पूर्ण राजस्थानी भाषा मे देवता एव लोक देवताओं के भजनों में झूम झूम कर नाचना औऱ वही पुरानी परम्परा जो आज के आधुनिक युग मे लुप्त हो चुकी है जैसे हारमोनियम ढोल नगाड़ों के साथ जागरण में गाना बजाना पूरा भारतीय एवं राजस्थानी परिवेश में बीकानेर के आई जी ऑफीस में आज भी पुरानी परम्परा के अनुसार जागरण देखने को मिलता है।
आज के जागरण में बाबा रामदेव के श्रद्धालुओं और जागरण में काफी संख्या में पुलिस कॉन्सटेबल ,हेड कॉन्स्टेबल, एएसआई, एसआई मौजूद थे दूसरी औऱ इसी क्रम में जेएनवी थाने के एचएम रोहिताश भारी ने बताया की बीकानेर के आईजी ऑफिस में स्थित लोकदेवता बाबा रामदेव मंदिर में हर साल हमारी मायड़ भाषा राजस्थानी और हमारी भारतीय संस्कृति में लोक कलाकार इस जागरण में शिरकत करते है,और गणेश वंदना की स्तुति से जागरण को शुरू किया जाता है आई जी ऑफिस में ये जागरण कोरोना काल की लंबी अवधि 3 साल के बाद अभी देखने को मिला है बाकी ये जागरण काफी सालो से हमारे लोक कलाकारों हमारी शुद्ध भाषा एव संस्क्रति के साथ लगाया जाता है। इस जागरण को देखने एव भजनों को सुनने के लिए आई जी ओफीस के आस-पास कॉलोनी वासी साथ ही पास के मोहले वासियों के लोग भजनो को सुनने आते है और साथ मे अगर कोई भजन गाना भी चाहे तो उसको भी मौका दिया जाता है इस जागरण की विशेषता कोई फिल्मी गानों या दूसरी अन्य धुनों पर ना लगाकर वास्तव में जागरण लोक देवता बाबा रामदेव जी का है तो उनके भजन एव उनका उच्चारण शहीत लोक कलाकारों द्वरा किया जाता है और इसको भक्तों द्वरा भजनों सुनकर आनन्द उठाते है।साथ ही भारी ने कहा आज के जागरणों में जहां एक औऱ डीजे बजाकर, ध्वनि प्रदूष्ण करना एव दूसरे आस पास के लोगो को डिस्टब करना आधुनिक तोर तरीको के अनुसार लोकदेवता के भजनों को फिल्मी गीतों के साथ गाना आज के जागरण ऐसे हो चुके है लेकिन बीकानेर में ये एक ऐसा जागरण है जो शुद्ध रूप से लोकदेवता के भजनों के साथ लगाया जाता है जो की आज के इस युग मे ऐसे जागरणों को हमारे युवा भूल चुके लेकिन बीकानेर में आई जी ऑफीस में काफी सालो से ये जागरण शुद्ध हमारी भाषा मे होता है हारमोनियम ढोल ,तबला वादक एवं भजनों में आज भी भक्त झूमते नजर आते है यहां श्रदालु इस जागरण को सुनने के लिये दूर- दूर से उम्र दराज लोगो को आज के दिन का इस जागरण का इंतजार रहता है।