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श्रीडूंगरगढ़,बीकानेर बीकानेर,श्रावण मास की तिथि नवमी शनिवार के दिन ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंदजी महाराज की पूजनीय पादुकाओं का दिव्य प्रवेश आज श्रीडूं‌गरगढ़ के आडसर ‌बास स्थित श्री राधा-कृष्ण कुंज में संकीर्तन के साथ हुआ।
पादुकाएं सायंकाल ब्रज के बरसाना से ठीक पांच बजे  गोपाल गौ शाला के नव निर्मित भव्य प्रांगण में पहुंची। वहां से नगर के तथा बाहर से आए हुए स्वामीजी के शिष्यगण तथा श्रद्धालु लोग पैदल संकीर्तन करते हुए पाद‌ुका रथ के साथ श्री राधाकृष्ण कुंज में पहुंचे। वहां सुसज्जित भव्य सभागार में भावपूर्ण ढंग से पादुकाओं का स्थापन एवं मंत्रोच्चार के साथ पूजन हुआ। सभागार श्रद्घालु स्त्री-पुरुषों से खचाखच भरा हुआ था।
गोपाल गौशाला से पादु‌काओं को प्रसिध्द उद्‌योगपति लक्ष्मीनारायण सोमानी अपनी गोद में लेकर आए। पादुकाओं के साथ भगवद् विग्रह तथा ब्र‌ह्मलीन स्वामीजी के वस्त्रादि भी यहां पहुंचे। पादुका यात्रा में शहर के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। श्रीडूंगरगढ़ के वे प्रवासी जो स्वामीजी के शिष्य रहे हैं, सभी आज के दिन यहां उपस्थित रहे। यात्रा में नंदकिशोर मूंधड़ा (अहमदाबाद), लीलाधर मूंधड़ा (दिल्ली), भागीरथ सोमानी, जयप्रकाश लखोटिया, मनोज कलाणी, श्यामसुंदर लखोटिया, चाँद रतन राठी, जगदीश लखोटिया ओमप्रकाश राठी बाबूलाल लखोटिया, रतन सोमानी, राधाकृष्ण सोमानी, श्याम सोमानी, रामचन्द्र राठी, महावीर माली, शुभजी पारीक, तोलाराम मारू जगदीश मूंधड़ा (कलकता) भीखमचंद तापड़िया, शिवनारायण राठी, हरिशंकर बाहेती (दिल्ली) प्रकाश मूंधड़ा, भगवती प्रसाद मूंघडा, शंकर लाल सोनी, चिरंजी लाल झंवर, डाॅ चेतन स्वामी आदि भक्तगण यात्रा का संचालन कर रहे थे। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी कीर्तन गाते हुए चल रही थीं। उल्लेखनीय है कि अगले वर्ष की गुरु पूर्णिमा तक स्वामीजी की पादुकाएं यहीं विराजित रहेंगी। दैनन्दिनी पूजन-अर्चन, कीर्तन के अलावा वर्ष में अनेक विशिष्ट धार्मिक कार्यक्रम भी होंगे। सोमानी परिवार के गौभक्त श्री राधाकृष्ण सोमानी वर्ष पर्यंत अपनी सेवाएं यहीं देंगे।

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