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बीकानेर,रामसर गांव के एक युवक की हॉस्पिटल में एंबुलेंस के इंतजार में मौत हो गई जबकि हॉस्पिटल की एक एंबुलेंस 12 दिनों से चालक के अभाव में खड़ी थी।

गुरुवार को जब चालक की व्यवस्था हुई तो वह नापासर एरिया से बाहर जसरासर में प्रसूता को लेने चली गई जबकि विधायक द्वारा दी गई एंबुलेंस के लिए हॉस्पिटल प्रभारी ने 1500 रुपए की डिमांड की। कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 108 एंबुलेंस बारह दिनों से चालक के अभाव में धूल फांक रही थी। गुरुवार को यही 108 एम्बुलेंस सीएचसी से गायब थी।

रामसर गांव में गुरुवार को एक 25 वर्षीय युवक का स्वास्थ्य जहरीली वस्तु के सेवन से बिगड़ गया जिसे परिजन नापासर सीएचसी लेकर पहुंचे। यहां से युवक को देखकर बीकानेर के लिए रैफर कर दिया गया। परिजनों ने एंबुलेंस की मांग की लेकिन उन्हें यह सुविधा नहीं मिली। परिजनों ने यहां पर उपस्थित एक महिला चिकित्सक पर एंबुलेंस के लिए 1500 रुमांगने का आरोप भी लगाया। बाद में परिजन नापासर बाजार से निजी गाड़ी किराए पर ली और युवक को लेकर बीकानेर के लिए रवाना हुए लेकिन बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हॉस्पिटल में एक एंबुलेंस और है जो 12 दिनों से हॉस्पिटल में धूल फांक रही थी गुरुवार को चालक की व्यवस्था की तो वह एंबुलेंस नापासर से जसरासर पहुंच गई जबकि उसका जसरासर गई हुई थी।

एरिया नापासर है। बताया जा रहा है कि वह किसी प्रसूता को लेने गई थी। अस्पताल प्रभारी डॉ डोनी राठी ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। मृतक के परिजनों का आरोप है कि दो एम्बुलेंस खड़ी होने के बावजूद उनको निजी गाड़ी के लिए भटकना पड़ा, जिसमे समय लग गया और गंभीर हालत में मोडाराम मेघवाल ने दम तोड़ दिया। एंबुलेंस प्रभारी अंकुश तंवर ने कहा कि नापासर की 108 एंबुलेंस डिलीवरी केस के लिए

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