
बीकानेर,राष्ट्रीय कवि चौपाल की 529 वीं विशेष सभा स्वाधीनता दिवस पर केंद्रित रही कार्यक्रम अध्यक्षता में समाज सेवी प्रेमशंकर कट्टा, मुख्य अतिथि में सुमन छाजेड़ (जिलाध्यक्ष भाजपा बीकानेर) विशिष्ट विशेष अतिथि गौ सेवी एन डी कादरी राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष (मुस्लिम महासभा) अतिथि डॉ अखिलानंद पाठक (प्रांत अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद, राजस्थान) आदि मंचासीन हुए, ईश वंदना से कार्यक्रम शुभारम्भ करते हुए रामेश्वर साधक ने बताया कि स्वतंत्रता का मतलब संस्कृति मानवता से खिलवाड़ से नहीं है स्वतंत्रता का स्वच्छंदता से परस्पर वैर है
कार्यक्रम अध्यक्ष प्रेमशंकर सोनी ने बताया कि भारत सोने की चिड़िया ही नहीं विश्व गुरु भी…, संगठन अभाव में भारत गुलाम हुआ, अब भी संगठित होकर देश विश्व गुरु में शोभित हो पाएगा… मुख्य अतिथि सुमन छाजेड़ ने संदेश दिया कि उम्र पचपन पचहत्तर की हो जाए पर दिल उर्झा भरा युवा ही रहे,.. विशिष्ट अतिथि डॉ अखिलानंद पाठक ने स्व बोद्धिक में स्पष्ट किया कि कविताएं प्रासंगिक कालजयी होती पर काल सापेक्षता के पुरुषार्थ अनवरत रहें.. सकारात्मक नज़रिया नज़र करें तो आजादी बाद भी तकनीकी नवाचारों, आदर्श संस्कारों में कई सिद्धियां सिद्धहस्त हुई है विशिष्ट अतिथि एन डी कादरी ने बताया कि गाय का पौषण पशु नज़र तक सीमित नहीं रहें, गाय की परवरिश श्रेष्ठतम हो संदर्भ में गाय राष्ट्रीय पशु घोषित करवाना अत्युत्तम होगा अपने संबोधन में एन डी कादरी ने कहा कि इसमें हमारा संबोधन था गौ पालक गाय का दूध निकालने के बाद कोई को खुले में गंदगी आदि खाने के लिए छोड़ देते हैं इससे अनेकानेक बिमारियों ग्रुप गाय के दूध का सेवन करने से बीमारियां होती हैं। आमजन में फ़ैल रही भ्रांतियों में एक बात साफ कर देना चाहता हूं की इस्लाम में गाय सहित किसी भी दूधारू पशुओं की कुर्बानी (वध) करने से स्पष्ट मना किया गया है।
सरदार अली परिहार एवं उपस्थित कवि वृंद द्वारा मंचासीन अतिथियों का शाल, श्री फल माल्यार्पण द्वारा आत्मीय अभिनंदन किया
डॉ कृष्ण लाल विश्नोई : जान अपणी देश पर वारो, दिल्ली चलो रौ दियो नारो, बो आज़ाद हिंद बणावणियो बोस सुभाष आयो रे … सरदार अली परिहार : चलता चल भाई चलता चल सुख का जीवन जीता चल… बाबू बमचकरी : दिल पवित्र भारत के लोगों का मन में बहती गंगा है। नही चाहते रक्त की नदियां हाथों में तिरंगा है,… शिव प्रकाश दाधिच : करी हिफाजत वतन की जिसने अपनी अंतिम सांसों तक। उन बेटों की बलवेदी पर सारा देश यदि श्रद्धा सुमन चढ़ायेगा तो उन बेटों का तर्पन अर्पन वन्दन ओर अभिनंदन हो जायेगा शानदार रचना सुनाकर सदन का मन मोह लिया
रामेश्वर साधक : काम धाम चाये कीं नीं पण म्हाने मरण ने ही टैम कोनी .. सरोज भाटी : अनुशासन मर्यादा स्वयं से शुभारम्भ होती है, अनुशासन हीन में मर्यादाएं रोती है,. राजकुमार ग्रोवर : जो चले गये हैं लौटकर फिर नहीं आएंगे, शहीदों के सपनों का भारत हम ही बनाएंगे … शमीम अहमद : आजादी तो पा ली, कुछ कसमें खानी बाकी है … कृष्णा वर्मा : आओ तिरंगा लहराएं, आजादी का जश्न मनाएं, विश्व विजेता बन जाएं सदा तिरंगा लहराएं … पवन चड्ढा : कर चले हम फ़िदा जान और तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों गीत सुनाकर देश प्रेमियों का दिल जीत लिया
आज के कार्यक्रम में 14 साहित्यकारों ने सहभागिता निभाई और साहित्यानुरागियों में श्याम सिंह सांगवान (बी जे पी जिला मंत्री) मधुरिमा सिंह, हरिकांत शर्मा, पुखराज सोनी, लोकेश लाडणवाल, महबूब अली, निसार अहमद, मोहम्मद हक़ कादरी आदि कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे कार्यक्रम का चुटिले अंदाज में बाबू बमचकरी ने किया,.. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ किया गया