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बीकानेर,तुम धर्म की रक्षा करो, धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा’ इन्हीं भावों को हम सब यदि आत्मसात् कर लें तो निश्चित रूप से सनातन धर्म संस्कृति सदैव आगे बढ़ती रहेगी। यह उद्गार बनारस के 1008 श्री सर्वेश्वरानंदजी महाराज ने हर्षोल्लाव तालाब अमरेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित 21 कुंडात्मक रुद्रचंडी महायज्ञ एवं शिव पंचाक्षरी अनुष्ठान के दूसरे दिवस उपस्थित यजमानों एवं ब्राह्मणों के समक्ष व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संस्कारी व्यक्ति न तो कभी बुरा सोचता है और न ही कभी बुरा कार्य करता है। इसलिए संस्कारों की नींव हमें अपनी पीढिय़ों में प्रवाहित करनी होगी। शुक्रवार को ज्योतिषाचार्य पं. बाबूलाल शास्त्री ज्योतिष बोध संस्थान के तत्वावधान में गुरुवार 30 अक्टूबर को पांच दिवसीय 21 कुंडात्मक रुद्रचंडी महायज्ञ एवं शिव पंचाक्षरी मंत्र अनुष्ठान योगी शिवसत्यनाथ जी महाराज, योगी भास्करनाथ जी महाराज एवं श्रीधरानंदजी महाराज करपात्री सागर ने आशीर्वचन दिए। इस अवसर अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व मंत्री डॉ. बीडी कल्ला एवं एडिशनल एसपी दीपक शर्मा ने 108 ब्राह्मणों द्वारा शिव पंचाक्षरी मंत्रों के जप व 21 कुंडात्मक रुद्रचंडी महायज्ञ में यजमानों द्वारा आहुति के दृश्य को साक्षात् धर्मनगरी का स्वरूप बताया। पं. किराड़ू ने बताया कि सुबह सभी ब्राह्मणों व यजमानों द्वारा सामूहिक रुप से रुद्राभिषेक एवं शिव पंचाक्षरी मंत्रों का जाप किया गया। दोपहर में 3 से 6 बजे तक रुद्रयज्ञ में भगवान शंकर के मंत्रों व दुर्गा सप्तशती के सात सौ श्लोकों द्वारा आहुतियां दी गई। यज्ञाचार्य पं. राजेन्द्र किराड़ू के आचार्यत्व में हर्षोलाव ताला अमरेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित इस अनुष्ठान में गौभक्त देवकिशन चांडक देवश्री, बजरंग चांडक, शिवरतन राठी मुम्बई, जुगल लढ्ढा, जुगल बिहाणी, सुशील डागा, किशोर जाजू, नवनीत पुगलिया, मनमोहन डागा, सुशील डागा, रमेश चांडक आदि 25 यजमान दम्पतियों ने रुद्रचंडी यज्ञ में रुद्र मंत्रों व दुर्गा सप्तशती मंत्रों द्वारा आहुतियां दी। अनुष्ठान में पं. मुरलीधर पुरोहित, संतोष व्यास, पं. उमेश किराड़ू, गोविन्द किराड़ू, मदनगोपाल व्यास, श्रीलाल किराड़ू, आशाराम किराड़ू आदि जुटे रहे।

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