बीकानेर, राजस्थानी लेखिका संस्थान का थरपणा दिवस अर राणी लक्ष्मी कुमारी चूंडावत जनम जयंती समारोह राजधानी जयपुर की कलानेरी आर्ट गैलरी मे समपन्न हुआ ।राजस्थानी लेखिकाओं द्वारा नवसंगठित ‘राजस्थानी लेखिका संस्थान के त्रि सत्रीय कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में राजस्थानी लेखिका संस्थान की अध्यक्ष डॉ. शारदा कृष्ण ने बताया कि बहुत समय से राजस्थानी लेखिकाओं के संस्थान की आवश्यकता महसूस की जा रही थी इसीलिए ये संस्थान बनाया गया। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मी कुमारी चूंडावत आधुनिक राजस्थानी की आगीवाण लेखिका थी उनकी जनम जयंती के दिन इसकी विधिवत् घोषणा की गई। रजिस्टर्ड हो चुकी इस संस्था की सचिव मोनिका गौड़ ने बताया कि यह संस्थान राजस्थानी भाषा, साहित्य व संस्कृति की रक्षा के लिए सतत कार्य करता रहेगा तथा राजस्थानी लेखिकाओं को लेकर नयी दिशा में काम करते हुए राजस्थानी भाषा के लिए अलख जगाकर राजस्थानी मान्यता का मार्ग प्रशस्त करेंगी। संस्थान की उपाध्यक्ष अभिलाषा पारीक, उपसचिव संतोष चौधरी व संयुक्त सचिव किरण राजपुरोहित नितिला हैं। संस्था का कार्यप्रणाली गठन र् आगामी योजनावो को संतोष चौधरी प्रस्तुत किया। किरण राजपुरोहित ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रानी लक्ष्मी कुमारी चूंडावत की पुत्री राजश्री राठौड़ थी विशिष्ट अतिथि मनीषा सिंह, सावित्री चौधरी व अध्यक्षता वरिष्ठ राजस्थानी साहित्यकार बंसती पंवार ने की। दूसरा तकनीकी सत्र रहा जिसमें डॉ. भानुमति चूण्डावत ने रानी जी के कृतित्व पर पत्र वाचन किया। अध्यक्षता डॉ. मीनाक्षी बोराणा ने की व विशिष्ट अतिथि इस सत्र का संचालन डॉ. विमला नागला ने किया। अनीता सैनी ने रानी जी की कहानी का पाठ किया। तीसरा व अंतिम सत्र काव्य गोष्ठी के साथ सम्पन्न हुआ। राजस्थानी गीतों व कविता के रंग में डॉ. दर्शना कंवर उत्सुक, रानी तंवर, कामना राजावत बतौर विशिष्ट अतिथि थीं इसमे राज्य के हर अंचल से पधारी लेखिकाओं प्रीतिमा पुलक, मधुर परिहार, श्यामा शर्मा, रेखा पंचौली, मंजू शर्मा जांगीड़ मनी, मांन कंवर,नगेंद्रबाला ,निर्मला शर्मा, साधना शर्मा, अनिता वर्मा सुनीता शेखावत, सुनीता बिश्नोलिया, मंजू किशोर रश्मि, किरण बाला जीनगर , अनिता गंगाधर, शर्मा, कविता किरण आदि काव्य पाठ किया संचालन अभिलाषा पारीक ने किया। तीनों सत्रों में जोधपुर, कोटा, झालावाड़, सीकर, भीलवाड़ा अजमेर से लेखिकायें आई। जयपुर से भी तमाम साहित्यकार जुटे। कार्यक्रम में प्रमोद शर्मा, वेद व्यास,नंद भारद्वाज, डॉ. गजेसिंह, डॉ. मंगत बादल, डॉ. कृष्ण कुमार आशु, श्याम जांगिड़, मायामृग छैलू चारण आदि साहित्यकार उपस्थित रहे राजस्थानी के पैरोकार राजवीर चळ्कोई भी संस्थान ने सहयोग देने का भरोसो दिया.
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