बीकानेर,छतरगढ़ कस्बे मे फाइनेंसरो को ब्याज रकम नहीं देने पर क्ईयौं ने अपना घर जमीन घर के बर्तन बेचने पड़े फिर भी व्याज पुरा नही होता तब चोरी करने के लिये होते हैं मजबुर
छतरगढ़ कस्बे में लंबे समय से ब्याज पर पैसा फाइनेंस करने का धंधा वर्षों से चल रहा है आज इस दौर में हर व्यक्ति मजबुरी में पैसा लेता है ।! ब्याज पर पैसा देने वाले लोगों ने इसे गोरख धंधा बना लिया है ब्याज पर रकम देने के नाम पर 5 से ₹7 सैंकडा़ ब्याज वसूल थे है और साथ में सोने चांदी के जैवर रखते हैं जरूरत पड़ती रहती है मजबूरी में रू़ फाईनेंस पर लेने के लिए स्टांप व बैंकों के खाली चेक पैसा देने वाला लेता है वह भी खाली है रकम फांईनेंस करने वालो के पास किसी तरह का लाइसेंस नही है फाइनेंसर पैसा लेने वाले व्यक्ति के द्वारा समय पर किस्त नहीं दिए जाने ब्याज का ब्याह भरना पड़ता है फिर फाइनेंस कर्ता उस पर कई तरह के दबाव बनाता है उसे पछाड़ना करता और धमकी भी देते हैं तेरे चेक बाउंस कराने की धमकियां मजबूर होकर से पैसे लेने वाला व्यक्ति चोरी करने के लिये मजबूर हो जाता व्यक्ति की ब्याज की रकम इतनी बढ़ती जाती है वह अपना दबाव बढ़ने के कारण मानसिक संतुलन भी खोकर आत्महत्या व चोरीया तक करने के लिए लोग मजबूर हो जाते हैं ऐसा यह धंधा छतरगढ़ में बड़े स्तर पर फल फूल चुका है । हाल में एक फाइनेंसर के घर चोरी का माल भी बरामद हुवा था । पुलिस प्रशासन इन फाइनेंसरों पर नकेल कसे ।
बीकानेर में भी ऐसे कई बार ब्याज माफिया पनप रहे हैं जो लोगों से 10 से 20 परसेंट ब्याज लेते हैं इस ब्याज माफिया के चक्कर में एक आम गरीब आदमी को मौत से हाथ तक धोना पड़ता है मगर इन ब्याज माफियो को कोई बाल बांका नहीं कर सकता पुलिस को पता होते भी सब सेटिंग का खेल है ना जाने कब इन ब्याज माफियाओं से गरीब आदमी को छुटकारा मिलेगा