बीकानेर,कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता समाप्त करने का निर्णय पूर्णतः कानून सम्मत है और यह कार्यवाही संविधान के दायरे में ही हुई है जिसके लिए राहुल गांधी स्वयं और उनकी कांग्रेस पार्टी के नीतिकार जिम्मेदार और दोषी हैं। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष और हनुमानगढ़ जिला संगठन प्रभारी अखिलेश प्रताप सिंह ने लोकसभा सचिवालय द्वारा शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की लोकसभा से सदस्यता समाप्त करने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह प्रतिक्रिया व्यक्त की ।
सिंह ने कहा कि 2019 के चुनावों में मोदी जाति को सार्वजनिक रूप से चोर घोषित करार देना और आदतन अपने भाषणों में भाषा के स्तर को निम्नता पर ले जाने के लिए पूर्व में भी राहुल गांधी को न्यायालय में लिखित में माफी मांगनी पड़ी थी और उसी आदत के फलस्वरूप उन्हें फिर से दोषी करार दिया गया है ।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि लगातार अभद्र भाषा का प्रयोग, अपमान करने का काम, अपशब्द बोलना राहुल गांधी की आदत सी बन गई है । राहुल अपने आप को देश के कानून से ऊपर समझते हैं और उन्हें देश के संवैधानिक संस्थानों पर भी विश्वास नहीं है। सूरत कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है उससे साफ है कि भारत की कानून व्यवस्था और प्रजातांत्रिक पद्धति से ऊपर कोई भी नहीं है।
जिला महामंत्री अनिल शुक्ला और मोहन सुराणा ने कहा कि राहुल गांधी अपनी बदजुबानी के लिए पहले से ही जमानत पर हैं और उन पर सात मुकदमे विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं । सूरत अदालत के सजा की घोषणा के बाद लोकसभा सदस्यता रद्द करने के लिए बाध्य थी।
जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत ने कहा कि जनप्रतिनिधि अधिनियम में सजा के बाद सदस्यता समाप्त होने का स्पष्ट प्रावधान है जिसके चलते लोकसभा सचिवालय ने उचित कार्यवाही की है ।
जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य ने लोकसभा सचिवालय के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास ही नहीं करते और उनको लगता है कि इस देश और विदेशों में कुछ भी कह दो और कर दो और आपको कोई कुछ बोल ही नहीं सकता ।
जिला मंत्री अरुण जैन ने भी लोकसभा सचिवालय के इस फैसले का समर्थन किया है।