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जयपुर,गोपालन मंत्री श्री प्रमोद भाया ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नन्दीशालाएं स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री की भावना के अनुरुप 1.57 करोड़ रुपये की विस्तृत योजना बनाई गई, जिसका परिपत्र दिनांक 27 अगस्त 2021 को जारी किया गया। उन्होंने बताया कि इस पूरी योजना का आकार करीब 650 करोड़ रुपये रखा गया।

श्री भाया ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि जहां तक सलूम्बर विधानसभा क्षेत्र या उदयपुर जिले की बात है तो प्रदेश 33 जिलों में से 25 में संस्था के चयन के लिए निविदाएं जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि उदयपुर जिले में संयुक्त निदेशक का पद रिक्त होने से निविदा जारी करने की प्रक्रिया में देरी हुई लेकिन वहां भी निविदा की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और एक- दो दिन में निविदा जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयत्न है कि खुली निविदा के माध्यम से इस कार्य हेतु पात्र संस्थाओं का चयन कर पंचायत समिति स्तर पर नंदीशालाएं खोले जाने के कार्य को प्रगति दी जाए। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी योजना है और पंचायत समिति स्तर नन्दीशाला योजना के लिए के लिए 1.57 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान रखा गया है। इसमें 90 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और10 प्रतिशत कार्यकारी संस्था का अंशदान होगा।

गोपालन मंत्री ने योजना के कार्य में देरी से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि इसे व्यावहारिक बनाने के लिए विस्तृत परीक्षण किया गया और कोरोना के कारण भी इसमें देरी हुई है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द इसे अधिक से अधिक जिले में लागू किया जाए ताकि गोवंश के संवर्धन व संरक्षण के कार्य को पूर्ण गति दी जा सके।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जिला स्तरीय नन्दी गौशाला खोलने की घोषणा की थी, लेकिन कार्यकाल पूरा होने तक एक भी नन्दी गौशाला नहीं खोली गई। हमारी सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाया और 16 जिलों में जिला स्तरीय नन्दी गौशाला की शुरुआत की।

इससे पहले गोपालन मंत्री ने विधायक श्री अमृतलाल मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि सरकार द्वारा प्रस्तुत परिवर्तित बजट 2019-20 में आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए प्रत्येक पंचायत समिति पर नन्दीशालाएं स्थापित करने बाबत घोषणा की गई थी। बजट 2021-22 में इस कार्य को और व्यापक रूप् से करने की दृष्टि से अब इन नन्दीशालाओं को 1.50 करोड़ रुपये के मॉडल के आधार पर बनाये जाने की घोषणा की गई है।

उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के अनुरूप पंचायत समिति स्तर पर नन्दीशालाएं स्थापित करने बाबत दिशा-निर्देश दिनांक 27अगस्त 2021 को जारी किये जा चुके है। नन्दीशाला संचालन करने वाली संस्थाओं का चयन संबंधित जिला गोपालन समितियों द्वारा किये जान हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है और 25 जिलों में जिला गोपालन समितियों द्वारा निविदायें आमंत्रित की जा चुकी है तथा कार्य प्रक्रियाधीन है।

श्री भाया ने बताया कि वर्तमान तक प्रदेश में नंदी गौशाला जनसहभागिता योजनान्तर्गत 16 जिलों में जिला स्तरीय नंदी गौशाला स्थापित की गई और पंचायत समिति स्तरीय स्थापित नंदीशालाओं की संख्या अभी शून्य है। वर्तमान तक पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशाला की स्थापना हेतु 8 संस्थाओं का चयन किया गया है उनमें से हनुमानगढ जिले में दो संस्थाओं के साथ अनुबंध सम्पादित किया जा चुका है। उन्होंने इससे संबंधित विस्तृत सदन के पटल पर रखा।

गोपालन मंत्री ने बताया कि वर्तमान में पंचायत समिति स्तर पर नन्दीशाला संचालन करने वाली संस्थाओं का चयन संबंधित जिला गोपालन समितियों द्वारा किये जाने व विस्तृत दिशा-निर्देश 27 अगस्त2021 को जारी करने से निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण विगत दो वर्षों में पंचायत समिति स्तरीय नंदीशालाओं हेतु आवंटित बजट की सूचना शून्य है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशाला के लिए राशि 111.91 करोड़ रुपये का प्रावधान है, तथा जिलों को 3.85 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है। जिला गोपालन समिति द्वारा पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशाला संचालन करने वाली संस्था का चयन करने हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण विधानसभा क्षेत्र सलूंबर की पंचायत समितियों में वर्तमान तक नन्दीशाला खोले जाने की संख्या शून्य है जिसके फलस्वरूप राशि आवंटन एवं व्यय की सूचना शून्य है।

गोपालन मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा प्रस्तुत परिवर्तित बजट 2019-20 में आवारा पशुओं की समस्याके समाधान के लिए प्रत्येक पंचायत समिति पर नन्दीशालाएं स्थापित करने बाबत घोषणा की गई थी। बजट 2021-22 में इस कार्य को और व्यापक रूपसे करने की दृष्टि से अब इन नन्दीशालाओं को 1.50 करोड़ रुपये के मॉडल के आधार पर बनाये जाने की घोषणा की गई है।

उन्होंने बताया कि बजट घोषणा अनुरूप पंचायत समिति स्तर पर नन्दीशालाएं स्थापित करने बाबत दिशा-निर्देश दिनांक 27अगस्त 2021 को जारी किये जा चुके है। उन्होंने इससे संबंधित विस्तृत विवरण सदन के पटल पर रखा।

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