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जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल के 15 सदस्यों ने रविवार शाम शपथ ले ली। प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जो कोटा रविवार को पूरा हो गया। तीस के इस मंत्रिमंडल के दस मंत्री ऐसे हैं, जिन पर कोई न कोई मुकदमा दर्ज है। वहीं, तीस में से 29 मंत्री करोड़पति हैं। मात्र एक केबिनेट मंत्री शकुंतला रावत ही ऐसी हैं, जिनकी सम्पत्ति लाखों में है। करोड़पतियों में सबसे ज्यादा सम्पत्ति वाले मंत्रियों में सबसे और राजेन्द्र यादव का नाम शामिल है।

विधानसभा चुनाव के समय पेश किए गए शपथ पत्र के अनुसार मंत्री परसादी लाल मीणा, महेन्द्र जीत सिंह मालवीय, अर्जुन लाल बामणिया, अशोक चांदना, गोविन्द राम मेघवाल, विश्वेन्द्र सिंह, जाहिदा भजन लाल जाटव, रामलाल जाट, रमेश

मीणा पर मुकदमे दर्ज हैं। परसादी लाल मीणा पर हत्या, साक्ष्य मिटाना, अमानत में खयानत के आरोप हैं। इसी तरह जाहिदा खान पर गोपालगढ़ कांड में दंगा भड़काने को लेकर सीबीआइ में मुकदमा दर्ज है। महेन्द्रजीत सिंह मालवीय पर एसीबी में मुकदमा दर्ज है। रामलाल जाट पर आचार संहिता का मामला दर्ज है।

रामलाल जाट पिछली गहलोत सरकार में भी मंत्री रहे थे, भीलवाड़ा डेयरी के तत्कालीन चेयरमैन की पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि उनको इस्तीफा देना पड़ा था। कुछ मंत्रियों पर मारपीट के मुकदमे दर्ज हैं। कुछ मुकदमे आदलिना से जुड़े भी हैं।

मंत्रिमंडल की औसत आयु 59 वर्ष, धारीवाल सबसे उम्रदराज

इस मंत्रिमंडल की औसत आयु 59 साल है। तीस के इस मंत्रिमंडल में | सबसे कम आयु खेल मंत्री अशोक चांदना की है, वे 37 साल के हैं, वहीं सबसे अधिक उम्र शांति धारीवाल की है। वे 78 वर्ष के हैं। रविवार | को जिन 15 मंत्रियों ने शपथ ली है, उनमें सबसे कम उम्र के टीकाराम जूली हैं। उनकी उम्र 41 वर्ष है, जबकि सबसे अधिक आयु के मंत्री हेमाराम चौधरी हैं। चौधरी की उम्र 73 साल है। प्रदेश के मंत्रिमंडल में | मुख्यमंत्री समेत छह मंत्री ऐसे हैं, जिनकी आयु 70 से 80 साल के बीच | है। सात मंत्री ऐसे हैं, जिनकी आयु 60 से लेकर 69 के बीच है। बारह | मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 से लेकर 59 वर्ष के बीच है। चार मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र 40 से 49 साल के बीच हैं। मात्र एक ही मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र चालीस साल से नीचे है।

सभी मंत्री शिक्षित, कई उच्च शिक्षित

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मंत्रिमंडल शिक्षित है। सभी मंत्री दसवीं या उससे ज्यादा पढ़े लिखे हैं। सीएम गहलोत समेत कई मंत्री तो उच्च शिक्षित हैं। भजन लाल जाटव, विश्वेन्द्र सिंह, लाल चंद कटारिया सैकंडरी पास है, वहीं भंवर सिंह भाटी हायर सैकंडरी पास हैं। इनके अलावा ज्यादातर के पास स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री है। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीएससी, एमए, एलएलबी किए हुए हैं। अशोक गहलोत, बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, टीकाराम जूली, हेमाराम चौधरी, जाहिदा और बृजेन्द्र सिंह ओला ने वकालत की डिग्री भी ले रखी है। इसी तरह रमेश मीणा के पास प्रोफेशनल डिग्री है। महेश जोशी के पास पत्रकारिता की डिग्री भी।है।

करोड़पतियों की सूची लम्बी:

राजस्थान का मंत्रिमंडल करोड़पतियों से भरा पड़ा है। एक को छोड़ सभी के पास चल अचल सम्पत्ति के रूप में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति हैं। विधानसभा चुनाव के समय दिए गए सम्पत्ति ब्यौरे के तहत उदय लाल आंजना के पास 55 करोड़ रुपए से ज्यादा की सम्पत्ति है, वहीं राजेन्द्र यादव के पास 35 करोड़ रुपए से ज्यादा की सम्पत्ति है।

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