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बीकानेर,यज्ञ से आध्यात्मिक शांति एवं पर्यावरण की शुद्धि होती है l यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्राण तथा वैदिक धर्म का सार है।  यज्ञ ही संसार में श्रेष्ठतम कर्म है l यह उद्गार करमीसर रोड़ स्थित न्यू गणेश विहार विस्तार में चल रहे दस दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में भागवताचार्य व्यास पंडित शिव दयाल श्रीमाली ने कही l उन्होंने कहा कि यज्ञ को केवल भौतिक कर्मकांड न समझा जाएं अपितु वर्तमान परिवेश में यह आध्यात्मिक शांति एवं पर्यावरण की शुद्धि के लिए आवश्यक है l
आयोजन से जुड़े डॉ राजेन्द्र कुमार श्रीमाली ने बताया कि यज्ञ में कुल 1001 आहुतियां दी गयी l  इस दौरान कॉलोनी के भक्तजन उपस्थित थे l यज्ञ का नेतृत्व पंडित पंडित नरेन्द्र कुमार एवं पंडित मनोज कुमार की टीम ने किया l

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