Trending Now












बीकानेर,विज्ञान के सिद्धांत थोड़े कठिन होते हैं। अध्यापक इनको समझाने के लिए काफी मेहनत भी करते हैं। इसके बावजूद परिणाम अपेक्षानुरूप नहीं आता। लेकिन बीकानेर जिले में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां के बच्चे बड़े ही आसानी से विज्ञान के प्रयोग करते हैं और उनको बड़े ही चाव से सीखते भी हैं।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं राजकीय चौपड़ा उच्च माध्यमिक विद्यालय की। जहां विज्ञान विषय के जटिल सिद्धांतों और प्रयोगों को समझने के लिए सरकारी शिक्षक करणीदान कच्छवाह ने ऐसी सरल व सस्ती किट बनाई है, जो न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी बहुत उपयोगी साबित हो रही है। इस किट का उपयोग पहले उन्होंने खुद वहां किया, जहां पढ़ा रहे थे। यह नवाचार सफल भी हुआ। इससे उत्साहित होकर उन्होंने यह किट अन्य स्कूलों में भी बच्चों को उपलब्ध करवाया। खास बात यह है कि इसी साइंस किट की वजह से करणीदान को राज्य स्तर पर सम्मान भी मिल चुका है।

किट की कीमत 100 रुपए से भी कम

विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों में रुचि उत्पन्न करने के लिए साइंस किट तैयार किया है। कच्छवाह ने बताया कि संपूर्ण किट की लागत 100 रुपए से भी कम है। यह किट डीएनए सरंचना, स्ट्रॉ फ्लूट, स्ट्रॉ स्पिनर, एंटी ग्रेविटी फनल जैसे एक्सपेरिमेंट में काम आता है। यह केवल सिंपल जूस स्ट्रॉ वाली नली से बने हैं। इस किट के माध्यम से अब तक 7000 से भी अधिक विद्यार्थियों के सामने हैंड्स ऑन प्रैक्टिक्स (लर्निंग बाई डूइंग) से प्रदर्शन कर चुके हैं।

पुरस्कार राशि से किट का निर्माण

कच्छवाह ने बताया कि शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र के साथ 21 हजार रुपए की राशि सरकार की ओर से मिली थी। विज्ञान के प्रति बच्चों में रुचि विकसित करने के लिए इस राशि में 21 हजार रुपए और जोड़कर किट का निर्माण शुरू किया। इसे विभिन्न विद्यालयों में प्रदर्शन के बाद वितरित किया जाएगा। गौरतलब है कि करणीदान कच्छवाह को कई सम्मान मिल चुके हैं। राज्य स्तरीय पुरस्कार 2023 के अलावा ब्लॉक स्तरीय और नगर निगम से भी उन्हें सम्मान मिल चुका है। साइंस किट में दस अलग-अलग तरह के प्रयोग समाहित हैं। जिसमें सिंपल प्लास्टिक स्ट्रॉ से एक रुपए में निर्मित सरंचना से डीएनए संरचना एवं तरंगों के संचरण को समझा जा सकता है। काम आ चुकी वेस्ट सिरिंज से दाब की अवधारणा समझ सकते हैं। दो रुपए लागत से बनी पॉलीथिन थैली से बरनौली सिद्धांत समझा जा सकता है। 50 पैसे के कागज पेपर से बने प्रयोग से खाद्य श्रंखला को लर्निंग बाय डूइंग मेथड से समझाया जा सकता है। इसके अलावा लिटमस पेपर से मात्र 20 पैसे में अम्ल या क्षार तत्व की पहचान कर सकते हैं।

Author