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बीकानेर,राजस्थान शिक्षा विभाग के नवीन आदेश जिसमें 3 अक्टूबर से कक्षाध्यापक के प्रथम क्लांश में विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति के लिए आदेश प्रसारित किए गए है जिसमें शिक्षक को सरकार के द्वारा निर्धारित एप को डाउनलोड करना होगा और उसके माध्यम से पहले अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी तत्पश्चात कक्षा के विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करनी होगी। प्रदेश अध्यक्ष रमेश पुष्करणा ने बताया की शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) इसकी अनिवार्यता का विरोध करता है क्योंकि सरकार द्वारा शिक्षकों को एंड्रॉयड फोन उपलब्ध नही करवाया गया है और ना ही सभी शिक्षक एंड्रॉयड फोन उपयोग में लेते हे, ना सभी को उपयोग लेना आता हे। इस संबंध में शिक्षक को एप उपयोग का प्रशिक्षण भी नही दिया गया हे।
मूलतः शिक्षक का कार्य अध्ययन अध्यापन का होता है उसे अनावश्यक तकनीक से जोड़कर उसे जटिल किया जा रहा है और शिक्षक का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा हे। ध्यातव्य हे की राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां अत्यंत जटिल हे रिमोट एरिया में इंटरनेट अबाधित रूप से नही मिलता हे तब ऐसी परिस्थिति में इस आदेश की पालना संभव नही होगी। जिससे शिक्षक मानसिक रूप से विद्यालय पहुंचते ही परेशान होगा। जिससे संपूर्ण दिवस उसे मानसिक वेदना झेलेनी पड़ेगी।
शिक्षा के अध्यापन के मानक सिद्धांतों में सर्वमान्य सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है कठिन विषय से कक्षा आरंभ करने का होता है जब कक्षा अध्यापक का पहला कालांश ऑनलाइन उपस्थिति में ही निकल जायेगा तो वो पढ़ाएगा कब।
संगठन के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने कहा कि सरकार द्वारा ऑनलाइन एप को डाउनलोड करने से इससे शिक्षक की निजी जानकारी की साइबर सुरक्षा की गारंटी भी सरकार और विभाग द्वारा शिक्षकों को नही दी गई है ऐसे में जब आज सभी वित्तीय गतिविधियां ऑनलाइन की जाती है तो ऐसे में इस एप की साइबर सुरक्षा की गारंटी क्या है और ना ही शिक्षक की निजता की सुरक्षा का आश्वासन सरकार द्वारा नही दिया गया हे।
संगठन के प्रदेश महामंत्री महेंद्र लखारा ने कहा कि शिक्षक, शिक्षा, हित में सभी शिक्षकों की भावना को ध्यान रखते हुए ऑनलाइन उपस्थिति का शिक्षक संघ राष्ट्रीय विरोध करता है।
सरकार यदि समय रहते निर्णय को वापस नही लेती हे तो संगठन शिक्षकों से बहिष्कार का ऐलान करेगा।

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