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बीकानेर/ राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री ज्ञापन भेजकर एनपीएस के कार्मिकों की आरिफ राशि का वापस वसूलने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है
संगठन के अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 01 अप्रैल 2022 से नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू कर कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित माँग मानकर राहत प्रदान की गई थी । सरकार के इस फैसले से राज्य कर्मचारियों को अपने भविष्य की सुरक्षा के प्रति हो रही चिन्ताओं से मुक्ति मिली साथ ही कर्मचारियों में उत्साह का संचार हुआ है लेकिन वर्तमान में सरकार द्वारा उक्त अवधि में आहरित राशि को वापिस 4 किश्तों में जमा कराने के आदेशों से कार्मिकों में रोष व्याप्त है।
मुख्यमंत्री को लिखे ज्ञापन में अवगत करवाया है कि पूर्व में लागू नई पेंशन योजना में कर्मचारियों व सरकार द्वारा 10-10 प्रतिशत राशि प्रतिमाह कोष में जमा होती थी जिसमें कर्मचारियों द्वारा नियमानुसार राशि आहरित करने का अधिकार था । इसी के तहत् कुछ कर्मचारियों ने राशि आहरित की है । इस सम्बन्ध में न तो राज्य सरकार द्वारा पूर्व में कोई निर्देश जारी कर 25 प्रतिशत राशि निकालने पर रोक लगाई ओर न ही एन.पी.एस. फण्ड द्वारा आनलाईन आवेदन प्रतिबन्धित कर आहरण पर रोक लगाई गई ।
जिलामंत्री नरेन्द्र कुमार ने कहा कि एन . पी . एस . फण्ड की यह राशि कर्मचारियों की जमा राशि है जिसे 1 अप्रैल 2022 को ही राज्य सरकार के जी . पी . एफ . 2004 खाते में जमा करवाया जाना था । अभी तक इसे राज्य सरकार द्वारा जमा नहीं करवाया गया है और न ही इस राशि के आहरण के सम्बन्ध में कोई दिशा – निर्देश जारी किए गये हैं ।
नगर महेश छीपा ने कहा कि वित्त विभाग राजस्थान द्वारा दिनांक 28.08.2022 एवं 06.09.2022 को आदेश जारी कर कार्मिकों द्वारा नियमानुसार आहरित की गई एन . पी . एस . की राशि को 31.12.2022 तक अधिकतम चार किस्तों में जी . पी.एफ. 2004 खाते में जमा करवाने के निर्देश प्रदान किए है । सरकार के इस मनमाने आदेश से कर्मचारी वर्ग में आक्रोश तीव्र व्याप्त हो रहा है ऐसे कर्मचारी हित विरोधी अन्यायपूर्ण आदेशों से सरकार द्वारा पूर्व में अर्जित सद्भावना को क्षति पहुँचती है । कर्मचारियों द्वारा आवश्यकता होने पर ही अपनी जमा राशि आहरित की जाती है । अब इसे वापिस जमा करवाने के निदेर्शों से कार्मिक आहत हैं । अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने कहा कि इस वसूली के निर्णय पर सरकार को पुनर्विचार करते हुये अपास्त करने का निर्णय कर राहत दी जानी चाहिये।

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