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बीकानेर,राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब महज एक साल का ही वक्त बचा है. लेकिन अशोक गहलोत सरकार की तरफ से शिक्षा विभाग के तृतीय श्रेणी टीचर्स के तबादले की मांग का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है.इसको लेकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने चुनाव से पहले सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाने का ऐलान कर दिया है. राजस्थान के शिक्षा विभाग के तृतीय श्रेणी शिक्षक 25 दिसंबर से आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. वहीं सरकार शिक्षकों की मांगों को लेकर बीच का कोई रास्ता तलाश करने में जुटी है.

राजस्थान में तबादलों के दौरे में शिक्षा विभाग के तृतीय श्रेणी शिक्षक सरकार से बार बार तबादले की मांग कर रहे थे. सरकार ने शिक्षकों से तबादले के लिए आवेदन ले लिए थे लेकिन फिर भी तबादले नहीं किए. इससे आक्रोशित तृतीय श्रेणी टीचर्स ने अब सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. उसके बाद सरकार अब टीचर्स से समझाइश करने में जुट गई है.

सरकार नहीं लेना चाहती कोई रिस्क

सरकार शिक्षकों के आंदोलन को लेकर दिख रही एकजुटता और आगामी साल में प्रस्तावित चुनावों से पहले कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. इसलिए सरकार तबादला पॉलिसी लाकर शिक्षकों के तबादले करना चाहती है. लेकिन पॉलिसी के ड्राफ्ट में कई कमियां बताते हुए सरकार ने उसे पिछले दिनों शिक्षा विभाग को वापस लौट दिया था. उससे शिक्षक और आक्रोशित हो गए. अब टीचर्स के आक्रोश को देखते हुए गहलोत सरकार बीच का रास्ता निकालने में जुटी है.

सरकार आश्वासन देने में जुटी है

राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला का कहना है कि पॉलिसी बनाकर सरकार को भेजी थी. लेकिन फिर सरकार ने अन्य राज्यों की तबादला पॉलिसी के अध्ययन करने का कहकर पॉलिसी को लौटा दिया था. अब सरकार अध्यययन का काम पूरा करने में जुटी है ताकि टीचर्स को राहत दी जा सके. सरकार लगातार शिक्षकों को आंदोलन नहीं करने की सलाह देते हुए पॉलिसी को शीघ्र अतिशीघ्र जारी करने का आश्वासन दे रही है.

शिक्षक बोले अब ऐसा नहीं चलेगा

दूसरी तरफ टीचर्स अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में जुटे गए हैं. शिक्षकों का तर्क है कि सभी कर्मचारियों के तबादले बिना पॉलिसी के होते है केवल तृतीय श्रेणी के तबादलों का नाम आते ही सरकार पॉलिसी के नाम पर टरका देती है. अब ऐसा नहीं चलेगा. उल्लेखनीय है कि यह माना जाता है कि टीचर्स का ग्रामीण इलाकों में काफी प्रभाव होता है. उनके समर्थन और विरोध का वोटिंग पर खासा असर पड़ता है.सरकार और टीचर्स में ठनी

सरकार और तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के बीच तबादलों को लेकर ठन सी गई है. लेकिन सरकार इस कोशिश में है कि किसी तरह शिक्षकों को प्रस्तावित आंदोलन को शुरू होने से पहले ही रोक दिया जाए. इसलिए सरकार तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के तबादले को लेकर पॉलिसी और बिना पॉलिसी के तबादले करने पर लगातार मंथन कर रही है. लेकिन फिलहाल राज्य के शिक्षक सरकार से आर पार मूड बनाए बैठे है.

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