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बीकानेर, जयपुर राज्य में विगत तीन वर्षों से उच्च माध्यमिक हिंदी माध्यम विद्यालयों में से कतिपय स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम महात्मा गांधी विद्यालयों में रूपांतरित किया जा रहा है । जिसका बड़ा झटका हिंदी माध्यम के बालको व शिक्षको को लग रहा है । बड़े कस्बो तथा शहरों में दो उच्च माध्यमिक विद्यालय के बीच 4 से 5 किमी दूरी होती है । जब किसी उमावि को महात्मा गांधी अंग्रेजी उमावि में रूपांतरित किया जाता है तो उनमें पढ़ने वाले हिंदी माध्यम के गरीब बालको को अपने कस्बे व शहर की कालोनी को छोड़कर दूरस्थ दूसरे किसी कस्बे व शहर की अन्य कालोनी में स्थित दुसरे विद्यालय में पढ़ने जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है । कई गरीब बालको के पास अपने निवास स्थान से 5 से 7 किमी दूरस्थ विद्यालयो आने जाने का बस अथवा ऑटो रिक्शा किराया भी नहीं है । ऐसे स्थिति में कई बालक अपनी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाते है ।

राजस्थान शिक्षक संघ ( राष्ट्रीय ) के प्रदेशमंत्री रवि आचार्य ने बताया कि महात्मा गांधी उमावि में 30 बालक पर एक कक्षा निर्धारित है । उक्त 30 बालको का प्रवेश लाटरी के माध्यम से किया जाता है । ऐसे में कक्षा 1 से 12 वी तक मे 360 के करीब नामांकन होता है । ऐसे में पूर्व से अध्ययनरत 500 से 1500 तक के बालको में से अधिकांश हिंदी माध्यम के गरीब बालको को अन्यत्र हिंदी माध्यम के दूरस्थ विद्यालयों में पढ़ाई करने जाने को मजबूर होना पड़ रहा है । व्यास ने बताया कि महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय में हिंदी व अंग्रेजी दोनो माध्यम से चलाये जाना ही उचित होगा अथवा महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय के लिये पृथक से नवीन भूमि , भवन , स्टाफ लगाकर समस्त सुविधाओ से युक्त पूर्णतया नवीन रूप से सृजित किया जाये ।
नाम अंग्रेजी माध्यम , शिक्षाक हिंदी माध्यम , बालको व शिक्षाको के साथ धोखा
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सम्पतसिंह ने बताया कि महात्मा गांधी जी ने अंग्रेजी भाषा , वस्तु व विचारधारा को कभी महत्व नहीं दिया । किन्तु राजस्थान राज्य में मातृभाषा हिंदी में चल रहे विद्यालयों को सतत महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बदला जा रहा है । जिससे उनमें पूर्व से अध्ययनरत हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को अन्य दूरस्थ विद्यालय में प्रवेश के लिए भटकना पड़ता है । वहीं पूर्व से कार्यरत हिंदी माध्यम शिक्षको को अन्यत्र विद्यालयों में स्थानांतरित कर उनके साथ भी अन्याय किया जा रहा हैं जबकि उस रूपांतरित अंग्रेजी स्कूल में क्षेत्र के अन्य हिंदी माध्यम के विद्यालयो में कार्यरत हिंदी माध्यम समान योग्यताधारी शिक्षकों में से एक इंटरव्यू के जरिये छाँटकर पदस्थापित किया जाता है । इस प्रकार अन्य हिंदी माध्यम विद्यालयों के शिक्षको को छौंट कर महात्मा गांधी विद्यालय में पदस्थापित करना उन समस्त विद्यालय के बालको व शिक्षको के साथ धोखा करने जैसा है ।
संगठन का आग्रह है कि पृथक से महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय के समस्त कार्मिको के लिए पृथक से पद सृजित किया जाये । तथा उन विद्यालयो में पृथक से पदों की स्वीकृति जारी कर इनके लिए नवीन विषयवार अंग्रेजी माध्यम से शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक योग्यताधारी शिक्षको की पृथक से भर्तीयां निकालकर शिक्षको को पदस्थापित किया जावे ।
प्रदेश महामंत्री अरविंद व्यास ने शहर व कस्बो में हिंदी माध्यम के विद्यालयों को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में रूपांतरित करने की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए पृथक से महात्मा गांधी विद्यालय सृजित किये जावे अथवा उसी विद्यालय को हिंदी व अंग्रेजी दोनो माध्यम से चलाने के आदेश पारित करवाये जाने की मांग मुख्यमंत्री व मंत्री को ज्ञापन भेजकर की है

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