Trending Now












बीकानेर,जयपुर। रविवार को शिक्षक दिवस मनाया गया इस दौरान संयुक्त अभिभावक संघ ने भी शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि ” शिक्षक इस सृष्टि में प्रत्येक प्राणी के गुरु है, उनका सम्मान शब्दों में नही बल्कि इतिहासों में बना हुआ है, वह हमारे और बच्चों के लिए पूजनीय है।” किंतु अफसोस तब होता है जब कोई शिक्षक स्कूल संचालकों की कठपुतली बन अभिभावकों और बच्चों को प्रताड़ित करते है तो शिक्षक समाज को शर्मसार होना पड़ता है।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि देश मे शिक्षकों का अपना एक सम्मान है, जिसके वह हकदार है, प्रत्येक अभिभावक ही नही अपितु प्रत्येक नागरिक शिक्षकों का सम्मान बखूबी करता है, किन्तु कुछ चंद शिक्षकों की अशोभनीय हरकतें शिक्षकों को अपमान झेलने पर मजबूर करती है। कोरोना संक्रमण के इस महामारी के दौरान में भी शिक्षकों से बहुत कम सहयोग देखा गया खासकर निजी स्कूलों के संचालकों ने जिस प्रकार का असहयोग दिखाया वह बेहद पीड़ा दायक था, शिक्षक चाहते तो इस कोरोना काल मे ना अभिभावकों को और ना बच्चों को प्रताड़ना झेलनी पड़ती।

*जयपुर व्यापार महासंघ का आह्वान 11 को जयपुर बंद, संयुक्त अभिभावक संघ ने दिया समर्थन*

संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि ट्रेड लाइसेंस फीस की नाजायज वसूली के विरोध ने 11 सितम्बर को जयपुर बंद का आह्वान किया है, संयुक्त अभिभावक संघ इस बन्द का पूर्ण समर्थन करता है और प्रत्येक अभिभावकों और व्यापारियों से आह्वान करता है कि 11 सितम्बर को अपने सम्पूर्ण प्रतिष्ठान बंद रखकर अंधी, गूंगी, बहरी सरकारों तक अपनी आवाज पहुंचाए।

*13 सितम्बर को विधानसभा घेराव में शामिल नही होगा संयुक्त अभिभावक संघ*

संघ जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा और प्रदेश के कॉलेज छात्रों के आह्वान पर 13 सितम्बर को विधानसभा का घेराव कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम में अभिभावकों को भी शामिल होने का आह्वान किया जा रहा है। जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ स्पष्ट शब्दों में शामिल नही होने का आह्वान करता है।

*शिक्षा विभाग दिखाए गम्भीरता, स्कूल संचालक ऑनलाइन पढ़ाई बन्द कर स्कूलो में आने का दबाव बना रहे है*

प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि देशभर में स्कूल खुलने के बाद प्रतिदिन 45 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे है, 400 से अधिक कोरोना से संक्रमित लोगो की मौते हो रही है। उसके बावजूद स्कूल खुलना अभिभावकों और छात्रो की आवाज को दबाने जैसा है।

शिक्षा विभाग को इस मसले पर गम्भीरता दिखानी चाहिए, जो एसओपी जारी की गई उसकी पालना सुनिश्चित करवानी चाहिए। स्कूल संचालकों ने छात्रों के साथ खिलवाड़ करने की साजिश रचनी शुरू कर दिया दी। एसओपी में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो ऑप्शन दिए है किंतु स्कूलो ने कक्षा 9 से 12 वीं तक ऑनलाइन पढ़ाई बन्द कर ऑफलाइन पढ़ाई का दबाव बच्चों पर बनाया जा रहा है। शिक्षा विभाग को गम्भीरता दिखानी चाहिए और दोषी स्कूलो और संचालकों पर कार्यवाही करनी चाहिए।

 

Author