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बीकानेर,महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन कि जयंती के अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह मनाया गया।
कुलपति प्रो विनोद कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में सन 2003 से 18 साल का सफर तय करने वाले विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपतियों एवं सेवानिवृत्त प्रोफेसरों को सम्मानित किया गया।
मीडिया प्रभारी डॉ. बिट्ठल बिस्सा ने बताया कि सम्मान समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलन और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ ।
विश्वविद्यालय कुलगीत के बाद समस्त अतिथियों व विभूतियों का स्वागत कुलपति कुमार सिंह द्वारा किया गया। शिक्षक सम्मान समारोह का संयोजन करते हुए इतिहास विभाग की डॉ मेघना शर्मा ने विश्वविद्यालय के 18
वर्ष के सफर को संक्षिप्त में वर्णित करते हुए प्रत्येक कुलपति के कार्यकाल के महत्वपूर्ण उपलब्धियों को बताते हुए शिक्षकों का शाब्दिक अभिवादन किया।
सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति प्रो होशियार सिंह, उनके पश्चात प्रो गंगाराम जाखड़, प्रो भगीरथ सिंह, प्रो एम एम सक्सेना, डॉ कांति कुमार कोचर, प्रो नारायण सिंह राव और डॉ अनिल कौशिक का सम्मान मंच से किया गया जिसमें कुलपति प्रो विनोद कुमार सिंह व कुलसचिव यशपाल आहूजा के द्वारा सम्मान स्वरुप अतिथियों को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह, साफा और पौधा भेंट किया गया। मंच पर विराजमान अतिथियों में शामिल रहे स्वामी केशवानन्द राज. कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरपी सिंह, राजुवास के कुलपति प्रो. सुभाष कुमार गर्ग और बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अंबरीश शरण विद्यार्थी का भी कुलपति व कुलसचिव द्वारा शॉल, पौधा और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। समस्त कुलपतियों ने अपने उद्बोधन में अपने अपने कार्यकाल की यादें संजोते हुए विश्वविद्यालय को आगे ले जाने के कई नए सूत्र मंच से बांटे और नई शिक्षा नीति पर भी बात की गई जहां प्रो होशियार सिंह ने आज के दौर में विद्यार्थियों में संस्कार रोपे जाने की बात कही तो प्रो गंगाराम जाखड़ ने बताया कि मुश्किल समय में काम करने वाले कर्मचारियों की हर संस्था को आवश्यकता होती है। कई बार विश्वविद्यालय में ऐसी परिस्थितियां हो जाती हैं कि रातों रात काम करवाना होता है, उस समय टीम के कुछ सजग सदस्यों की मदद से काम संपादित होते हैं। जाखड़ ने अपने कार्यकाल के सजग सेनानियों का मंच से शाब्दिक अभिवादन भी किया। कुलपति भगीरथ सिंह ने कहा कि आज समस्त परीक्षाओं व विभागों में रोजगार पाने हेतु कई कई चरणों में प्रवेश परीक्षाएं हो जाने के कारण विद्यार्थी कई मामलों में अपने आप को उलझा हुआ महसूस करता है आखिर शिक्षा का मापदंड क्या है? आज के दौर में यह यक्ष प्रश्न है।
प्रोफेसर प्रो नारायण सिंह राव डॉ कांति कुमार कोचर और डॉ अनिल कौशिक ने कुलपति सिंह को विश्वविद्यालय के विकास में अपना योगदान देने हेतु बधाई प्रेषित करते हुए अपना उद्बोधन मंच से रखा। विश्वविद्यालय परिसर से शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रो सुरेश कुमार अग्रवाल ने भी मंच से उद्बोधन देते हुए जीवन में गुरु की एहमियत और विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण को साबित करने का प्रभार शिक्षक समुदाय का नैतिक दायित्व बताया। इस समारोह में प्रबंध बोर्ड एवं विद्या परिषद सदस्य, विश्व विद्यालय के शैक्षणिक व अशैक्षणिक वर्ग के सदस्यों एवं सम्बद्ब महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने भारी संख्या में भाग लिया अंत में आभार कुल सचिव श्री यशपाल आहूजा द्वारा व्यक्त किया गया।
इससे पूर्व सीमा सुरक्षा बल की साइकिलिंग रैली का विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. विनोद कुुमार सिंह, कुलसचिव श्री यषपाल आहुजा, उप कुलसचिव डाॅ. बिट्ठल बिस्सा एवं सहायक निदेषक, शारीरिक शिक्षा डाॅ. यशवंत गहलोत द्वारा स्वागत किया गया।
साइकिलिंग रैली में केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल जी साईकिल से विश्वविद्यालय पहुंचे और साइकिलिंग कर रहे जवानों का उत्साहवर्धन किया। रैली में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक श्री पुष्पेन्द्र सिंह राठौड भी साथ थे।

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