बीकानेर,15 वर्षीय नाबालिग बालिका की हत्या कर फरार हुआ अध्यापक गौरव जैन कोटा पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। कोटा पुलिस के अनुसार उसे हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है। वहां उसकी बहन एक फ्लैट में रहती है। कोटा एसपी केसर सिंह शेखावत के निर्देशन व एएसपी प्रवीण जैन के डायरेक्ट सुपरविजन में पुलिस ने अपने गार्ड अलग अलग संभावित ठिकानों पर छोड़ रखे थे। आज जैसी ही गौरव वहां पहुंचा, गार्ड ने उसे दबोच लिया। पुलिस टीमें उसे मंगलवार तक कोटा ले आएगी।
ये था मामला: पुलिस के अनुसार 15 वर्षीय बालिका गौरव के यहां ट्यूशन लेने जाती थी। गौरव ने बीटेक कर रखी है। वहीं मृतका परिधी जैन नौवीं की छात्रा थी। वह सुबह 10 से 12 बजे तक गौरव से उसके घर पर ही ट्यूशन लेती थी। आठ दिन पूर्व जब वह ट्यूशन लेने गौरव के घर गई तो उसके माता-पिता घर नहीं थे। गौरव घर पर अकेला था। तीसरी मंजिल के कमरे में ट्यूशन पढ़ाया करता था। उसने 11 बजकर 51 मिनट पर परिधी के घर फोन कर देरी से लेने आने की बात कही। उसके परिजन करीब एक बजे उसे लेने पहुंचे तो परिधी गौरव के कमरे में मृत मिली। उसके हाथ पैर बंधे थे। गले में रस्सी बंधी थी।
सूचना के साथ ही पुलिस हुई एक्टिव: एसपी केसर सिंह शेखावत सहित पुलिस टीमें मौके पर पहुंची। एसपी शेखावत ने मामले की गंभीरता समझते हुए तुरंत चारों तरफ टीमें दौड़ाई। आरोपी घर से अपनी स्कूटी लेकर ही फरार हुआ था। पुलिस को आरोपी की स्कूटी चंबल के पास मिली। उसने मोबाइल नदी में फेंक दिया था।
एसपी केसर सिंह ने एडिशनल एसपी प्रवीण जैन के नेतृत्व में 37 टीमों को गठन किया। आरोपी की कॉल डिटेल्स निकाली गई। आरोपी की दोनों बहनों के फोन टैप किए गए। एसपी शेखावत ने पुलिस टीमों को हर हाल में आरोपी गौरव को पकड़ने के निर्देश दिए। देशभर के समस्त संभावित ठिकानों तक टीमें भेजी गई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गौरव कहीं अधिक आता जाता नहीं था। ना ही फोन पर अधिक बात करता था। उसने पूरे साल भर में ही कुल 150 कॉल किए। वहीं केवल दो बार कोटा से बाहर गया, वह भी गुरुग्राम अपनी बहन के यहां। ऐसे में एसपी केसर सिंह ने पहले ही बहन के घर पर अधिक नजर रखने के निर्देश दिए थे।
बहनों ने कहा भाई मरे या जीए, हमें नहीं मतलब: सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जब बहनों की बात सुनी तो उससे स्पष्ट हुआ कि बहनें सहयोग नहीं करेगी। बहनें आपसी बातों में कह रही थी कि गौरव मरे या जीए हमें अब कोई मतलब नहीं रखना। वह जेल जाना चाहिए। माता पिता को हम ले आएंगे, उनकी देखभाल हम कर लेंगे। गुरुग्राम की बहन घटना के बाद कोटा आ गई थी। बहनों की बातों से पुलिस को यह स्पष्ट हो गया कि ये सहयोग नहीं करेगी मगर यह भी स्पष्ट था कि गौरव थक हारकर बहन के यहां जरूर जाएगा। वही हुआ, गौरव बहन के यहां गया और पकड़ा गया।
मंत्री ने दिखाई गंभीरता: मामले में मंत्री शांति धारीवाल भी एक्टिव दिखे। वे दो बार पीड़ित परिवार के घर गए। उन्होंने मंच से कहा कि एसपी केसर सिंह शेखावत शानदार ऑफिसर है। आरोपी कहीं भी छिप जाए, पुलिस उसे पकड़ लाएगी। बता दें कि एसपी का पूर्व में भी रिकॉर्ड अच्छा रहा है। भंवरी कांड के खुलासे में भी एसपी केसर सिंह की अहम भूमिका रही थी। इसी वजह से मंत्री ने एसपी पर विश्वास जताया और एसपी विश्वास पर खरे उतरे।
गौरव पर तीन लाख 60 हजार के ईनाम थे घोषित: पुलिस के अनुसार घटना से कोटा इतना आहत हुआ कि उसे पकड़वाने के लिए ईनाम घोषणा की झड़ी लग गई। पुलिस ने दस हजार का ईनाम घोषित किया। एलन इंस्टीट्यूट ने दो लाख, कोटा बैच मार्क सिटी, कोरोल पार्क व हॉस्टल एसोसिएशन कोटा ने 50-50 हजार तथा न्यू कोटा हॉस्टल ने 21 हजार का ईनाम घोषित कर रखा था। अब पुलिस पूछताछ में हत्या के कारणों का खुलासा होगा।