
बीकानेर,बीकानेर में खजूर फल बगीचा 300 हैक्टेयर क्षेत्रफल में है। बीकानेर के किसानों को खजूर की खेती रास आ रही है। इस वर्ष एक ओर जहां खजूर का उत्पादन अच्छा रहा, वहीं दूसरी ओर किसानों को बाजार भाव भी अच्छा मिलने से खजूर पौधारोपण के प्रति किसानों में रूझान बढ़ रहा है। किसानों ने प्रति पौधा 80-100 किलो तक फल प्राप्त किए व 60-80 रुपए प्रति किलो तक बाजार भाव मिलने से किसान खजूर की खेती को लेकर उत्साहित हैं। किसान खजूर फल राज्य से बाहर दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब में भी विपणन कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं। उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने बताया कि उद्यान आयुक्तालय द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत ‘पश्चिमी राजस्थान में खजूर पौधारोपण क्षेत्रफल विस्तार’ अन्तर्गत खजूर बगीचा स्थापना हेतु 65.52 लाख के लक्ष्य मिले हैं। किसान खजूर बगीचा लगाकर उद्यान विभाग द्वारा देय अनुदान योजना का लाभ ले सकते हैं।
खजूर पौधरोपण हेतु प्रति हैक्टेयर पौधों की आवश्यकता खजूर पौधरोपण के लिए प्रति हैक्टेयर 148 मादा पौधे व 8 नर पौधों सहित कुल 156 पौधों की आवश्यकता रहती है। खजूर की मादा किस्मों यथा-बरही, खुनैजी मेडजूल, खलास, खद्रावी, सगई, जामली, अजवा, नाबुत सुल्तान एवं हलावी किस्मों तथा नर किस्मों यथा अल-इन-सिटी व घनामी पर ही अनुदान देय है। कृषक खजूर बगीचे की स्थापना ऑफशूट अथवा टिश्यूकल्चर से तैयार पौधों से कर सकता है।
संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ. दयाशंकर ने बताया कि खजूर पौधों पर 75 प्रतिशत अनुदान देय है।
(i) टिश्यूकल्चर पौधेः टिश्यूकल्चर तकनीक से उत्पादित खजूर पौधे रोपण पर कृषकों को अनुदान सहायता प्रति पौधा 3000 रुपए या प्रति पौधा ईकाई लागत का 75 प्रतिशत जो भी कम हो, देय होगा (ii) ऑफशूट पौधे: ऑफशूट तकनीक से उत्पादित खजूर पौधे रोपण पर कृषकों को अनुदान सहायता मातृ पौधे से अलगाव के तुरंत बाद के ऑफशूट खजूर प्रति पौधा क्रय मूल्य 1000 रुपए का 75 प्रतिशत एवं जड़ विकसित/जमाव उपरान्त प्लास्टिक थैली सहित खजूर पौधे के क्रय मूल्य 1500 रुपए का 75 प्रतिशत दिया जाएगा। *अनुदान सीमा* एक कृषक को न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर व अधिकतम 4.0 हैक्टेयर तक खजूर पौधारोपण पर अनुदान देय होगा।
उप निदेशक उद्यान रेणु वर्मा ने बताया कि अनुदान हेतु आवश्यक दस्तावेज के साथ खजूर का बगीचा स्थापित करने के लिये कृषक द्वारा उप निदेशक उद्यान कार्यालय में आवेदन करना होगा। खजूर बगीचा स्थापना हेतु ड्रिप स्थापना अनिवार्य होगी। कृषक को आवेदन पत्र के साथ (i) खेत की जमाबंदी (जो कि 6 माह से अधिक पुरानी नहीं हो), (ii) नक्शा ट्रेस, (iii) स्थाई सिंचाई स्त्रोत का प्रमाण, (iv) पृथक से ड्रिप हेतु आवेदन करने का प्रमाण, (v) मिट्टी व पानी की जांच रिपोर्ट, (vi) बैंक खाता विवरण यथा- खाता संख्या, आईएफएससी कोड, बैंक व ब्रांच का नाम, (vii) आधार कार्ड/जन आधार कार्ड नं इत्यादि दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है। ड्रिप संयंत्र पर विभागीय दिशा-निर्देशों अनुसार पृथक से नियमानुसार अनुदान देय है।
खजूर पौधों की उपलब्धता
ऑफशूट खजूर
-कृषक खजूर बगीचे की स्थापना ऑफशूट पौधों से भी कर सकता है। ऑफशूट पौधे राजकीय फार्म सगरा भोजका, जैसलमेर, मैकेनाईज्ड कृषि फार्म, खारा, बीकानेर व राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों से चयन कर प्राप्त किये जा सकते है, इसके साथ ही ऐसे कृषक जिन्होंने पूर्व में खजूर के बगीचे स्थापित किये है तथा गुणवत्तायुक्त ऑफशूट उपलब्ध कराने में सक्षम है, से भी ऑफशूट पौधे प्राप्त किये जा सकते है।
टिश्यूकल्चर तकनीक से तैयार पौधे
कृषक किसी भी संस्था डी.बी.टी. से एक्रिडिटेड टिश्यूकल्चर प्रयोगशालाएँ या अतुल राजस्थान डेटपाम लि०, चौपासनी, जोधपुर से टिश्यूकल्चर से तैयार पौधे प्राप्त कर सकते है।