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बीकानेर.प्रदेश में पिछले सालों में नकली और जहरीली शराब से हुई दुखान्तिकाओं से सबक लेते हुए इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ट्रेक एंड ट्रेस डिवाइस ला रही है। जिससे न केवल नकली शराब का पता चलेगा, बल्कि शराब निर्माता कंपनी से लेकर बेचने वाले ठेकेदार तक जानकारी मिल सकेगी। बोतलों पर विशेष प्रकार का होलोग्राम लगाया जाएगा। इसके जरिए आबकारी विभाग चौतरफा निगरानी रख सकेगा। उदयपुर में ट्रेक एंड ट्रेस सेंटर भी खोला गया है। जो इस पूरे सिस्टम का समन्वय करेगा।

सरकार नए वित्तीय वर्ष से नकली शराब बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए क्यूआर कोड सहित होलोग्राम युक्त ट्रेक एंड ट्रेस प्रणाली को जून तक हर हाल में लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर उदयपुर में नई यूनिट स्थापित की है। जहां होलोग्राम के साथ स्केनर बार कोड, प्रिंटर एवं सॉफ्टवेयर इंटीग्रेशन का कार्य पूर्ण किया जाएगा। होलोग्राम तैयार होने के बाद मुख्यालय से संबंधित जिलों व शराब यूनिट को जारी किए जाएंगे। आबकारी मुख्यालय की ओर से जिला मुख्यालयों पर अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रेक एंड ट्रेस डिवाइस से जांच के तरीकों की ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं।

नकली शराब पर चार स्तरीय घेराबंदी
– हाईटेक टेस्ट रीडिंग फिल्म : होलोग्राम पर पीछे अक्षर व चित्रों को देखा जा सकेगा
– सीएलआर डिवाइस : इससे देखने पर होलोग्राम में डोल्फन मछली नजर आएगी
– अल्ट्रा वॉयल्ट लाइट : होलोग्राम में लगी एक विशेष पनी को चैक करेगी
– हर बोतल पर होलोग्राम : होलोग्राम की काॅपी नहीं हो सकेगी

शराब दुखान्तिकाओं पर एक नजर
वर्ष – शहर – मौत
1992 – फतेहपुर – 72
2004 – बीकानेर – 7
2008 – ब्यावर – 11
2010 – पाली – 12
2010 – जोधपुर – 14
2016 – बाड़मेर – 12
2021 – भीलवाड़ा – 7

ट्रेनिंग पूरी, जल्द होगी लागू
नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए ट्रेक एंड ट्रेस प्रणाली लागू की जा रही है। हाल ही में डिवाइस के उपयोग संबंधी आबकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। हर कर्मचारी अधिकारी को चारों डिवाइस मिलेंगे।
मोहनराम पूनिया, जिला आबकारी अधिकारी बीकानेर

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