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बीकानेर,दम्माणी धर्मशाला स्थित जे.एस.बी. संस्थान में शनिवार को एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया l इसके अंतर्गत “स्वास्थ्य,साहित्य एवं विज्ञान” विषय पर विभिन्न विद्वानों ने अपने महत्वपूर्ण विचार रखें l विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि राजस्थानी व हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश रतनू दासौड़ी थे एवं अध्यक्षता एक्स प्रिंसिपल, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने की l विशिष्ट अतिथि साहित्यकार अब्दुल शकूर बीकाणवी तथा मुख्य वक्ता कवि एवं साहित्यकार जुगल किशोर पुरोहित थे l स्वागताध्यक्ष और संचालक संस्थान के संस्थापक डॉ.जगदीश दान बारठ थे l विचार गोष्ठी के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर अक्षत,कुमकुम,पुष्पाहार,मोली एवं नारियल अर्पण कर पूजन किया गया l उसके पश्चात कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष डॉ.जगदीश दान बारठ ने स्वागत भाषण दिया l उन्होंने संस्थान की स्थापना के उद्देश्यों की जानकारी दी l डॉ.बारठ ने संस्थान द्वारा विगत आठ वर्षों से किए जा रहे जनहित व सेवा कार्यों को विस्तार से बताया l
इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष, पूर्व प्राचार्य, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने अपना अध्यक्षीय उद्बोद्धन देते हुए कहा कि विचार गोष्ठी का विषय समसामयिक महत्व का है l उन्होंने सामान्य जीवन में स्वास्थ्य,साहित्य एवं विज्ञान के महत्व को उजागर किया l प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने कहा कि हमारे वेद- शास्त्रों में कहा गया है कि पहला सुख निरोगी काया ही है l उन्होंने हमारी परम्परागत रूप से चल रही आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान की चर्चा करते हुए कोरोना काल में इसके उपयोग का स्मरण करवाया l प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने साहित्य की महिमा उजागर करते हुए कहा कि साहित्य से हम अपने विरासत के बारें में सीख सकते हैं। इस दृष्टि से साहित्य हमारी सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक है l प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने संस्थान द्वारा आयोजित इस विचार गोष्ठी की सराहना करते हुए इसे आगे भी निरंतर जारी रखने का आव्हान किया ।
विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राजस्थानी व हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश रतनू दासौड़ी ने कहा कि हमारे वैदिक और पौराणिक काल के ऋषि महर्षि एक साथ वैज्ञानिक, चिकित्सा शास्त्री और उद्भट साहित्यकार थे। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य,साहित्य एवं विज्ञान तीनों क्षेत्रों में उनकी अनुपम दैन है जो कि मानव समुदाय कभी विस्मृत नहीं कर सकता। जगदीश रतनू दासौड़ी ने एक रचना के माध्यम से सर्वे भवन्तु सुखिनः सुनाकर सभी को अभिभूत कर दिया l
विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कवि एवं साहित्यकार जुगल किशोर पुरोहित ने जीवन में संस्कारों को आत्मसात करने की बात कही l उन्होंने नारी के रूप में आदर्श माता व संवेदी पिता की महता का एक गीत – हे मात पिता तेरी गोद में – सुनाकर सबको भावविभोर कर दिया l विचार गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि साहित्यकार अब्दुल शकूर बीकाणवी ने गोष्ठी के विषय स्वास्थ्य,साहित्य एवं विज्ञान के साथ साथ शिक्षा व आयुर्वेद पर भी विस्तार से अपने विचार रखें l
विचार गोष्ठी में ओमदान चारण, गुमान दान, नर्सिंग अधिकारी मेवा सिंह, इन्द्र सिंह बारहठ, लेब टेकनिशियन सुश्री निकिता, हर्षित गोस्वामी आदि ने भी अपने विचार रखें l इस विचार गोष्ठी में लेब टेकनिशियन शोयब, मधुसूदन बारहठ, हर्षवर्द्धन, कुणाल बारहठ, किशन सिंह, नारायण राम, संदीप, शिवलाल आदि सहित संस्थान के अनेक कार्मिकों के साथ ही बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे । अंत में गोष्ठी के संचालक डॉ.जगदीश दान बारठ ने सभी को धन्यवाद दिया ।

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