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बीकानेर,आई.आई.टी., रूड़की स्थित नेषनल इन्स्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलोजी व पर्यावरण विज्ञान विभाग, महाराजा गंगा सिंह विष्वविद्यालय, बीकानेर अन्य स्थानिय विभागों, निकायों के सहयोग से बीकानेर के जल स्त्रोतों के संरक्षण व प्रबन्धन हेतु स्टेटस सर्वे का “ब्ल्यू प्रिन्ट” तैयार करेंगे।
ज्ञातव्य रहे कि बीकानेर के सांसद श्री अर्जुनराम जी मेघवाल, केन्द्रीय भारी उद्योग राज्य मऩ्त्री एवं संसदीय कार्य मन्त्री की अनुषंषा पर श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, जल शक्ति मंत्री, भारत सरकार के निर्देषों पर बीकानेर जिले मे पानी की समस्या के स्थाई समाधान हेतु जिले के जल स्त्रोतों की हाइड्रोलोजीकल स्टेटस रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिसके चलते “इन्स्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलोजी” के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एल.एन. ठकुराल एवं जे.पी. पात्रा के नेतृत्व मे सर्वेक्षण दल बीकानेर आ चुका है।
इस दौरान दल के वैज्ञानिकों ने महाराजा गंगा सिंह विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह, पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, प्रो. राजाराम चोयल, डॉ. अनिल कुमार दुलार, डॉ. प्रभूदान चारण व डॉ. लीला कौर व विभाग के शोध छात्रों डॉ. करणी सिंह, हेमलता सहल, एकता, विष्णु आचार्य आदि के साथ पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा बीकानेर व थार के जल स्त्रोतों पर किये गए शोध व सर्वेक्षणों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान निरिक्षण दल द्वारा महाराजा गंगा सिंह विष्वविद्यालय द्वारा जल संरक्षण हेतु केम्पस मे व गोद लिये गये गांवों कोटडी, नाल बडी व स्वरूप देसर मे किये गये कार्यो व प्रयासों की सराहना की। तत्पश्चात बीकानेर जिले के कोलयत, गजनेर, कोडमदेसर, दरबारी, दियातरा, गोलरी, दरबारी, आर.डी.750 व अन्य परम्परागत एवं नवनिर्मित प्राकृतिक जल स्त्रोतों का अवलोकनल किया। आगामी दिनों मे बीकानेर शहर के आस पास परम्परागत जल स्त्रोतों पर कार्य करने वाले स्थानीय लोगों जैसे डॉ प्रताप सिंह, डॉ. रितेष व्यास, डॉ. ब्रजरतन जोषी व अन्य लोगों के साथ भी अवलोकन किया जायेगा।

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