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बीकानेर,हाल ही गुरुवार 29 सितम्बर को गर्भपात पर आया सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है अविवेक का परिचायक और सनातनी लोगों की आस्था व संस्कृति के विरुद्ध है ,यह बात गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम किशोर तिवारी ने आज जारी बयान में कही । उन्होंने कहा कि अविवाहित स्त्री को बिना किसी घर वाले की स्वीकृति के गर्भपात का अधिकार देने से अनैतिकता को बढ़ावा मिलेगा और नैतिक मूल्यों का पतन होगा ।
तिवारी ने कहा कि जब पिता की मृत्यु उपरांत जन्म लेने वाले शिशु को चल अचल संपत्ति में सभी अधिकार प्राप्त हैं ऐसे में निर्दोष वह पूरी आयु जीने की क्षमता रखने वाले स्वस्थ गर्भस्थ शिशु की अनचाहे गर्भ के नाम पर गर्भपात की छूट महापाप ,जघन्य ,अपराध एवं गर्भस्थ शिशु के संवैधानिक अधिकारों का हनन है ।
तिवारी ने महामहिम राष्ट्रपति को जनहित में संस्था की तरफ से याचिका भेजकर मांग की है कि गर्भपात के नाम पर हिंसा के कृत्य को रोकने हेतु सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्थगित करें एवं भारत की संसद को भ्रूण हत्या के विरुद्ध कठोर कानून बनाने एवं दंडनीय अपराध घोषित करने हेतु आदेशित करें।

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