नई दिल्ली।देवघर के गांव बसईपुर के इस मामले में नाशा देवी की शादी के एक साल के अंदर 12 अगस्त 1999 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। ससुराल वालों ने उसके माता पिता को सूचना दिये बगैर जल्दबाजी में दाह संस्कार कर दिया।”_
नई दिल्ली। दहेज प्रताड़ना और दहेज हत्या के अपराध पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि समाज में कड़ा संदेश जाना चाहिए कि जो भी दहेज हत्या का अपराध करेगा उससे सख्ती से निपटा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि कानून निर्माताओं ने दहेज जैसी बुराई से कड़ाई से निपटने के लिए कानून में आइपीसी की धारा 304 बी (दहेज हत्या) जोड़ी थी। दहेज हत्या के मामले में विधायिका की इस मंशा का ध्यान रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि धारा 304 बी दहेज हत्या का अपराध समाज के खिलाफ अपराध है और इस अपराध का समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।