बीकानेर,कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव ने राजस्थान में पुराने जख्मों को हरा कर दिया है. इस चुनाव के बहाने राजस्थान में गहलोत बनाम पायलट की प्रतिद्वंदिता फिर से सामने आ गई है. हरे हुए पुराने जख्मों से जो मवाद रिस रहा है उससे कांग्रेस नेतृत्व परेशान है.गहलोत और पायलट भले ही इस वक्त अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली में हैं लेकिन राजस्थान में दोनों के समर्थक अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. गहलोत के समर्थक नेता सचिन पायलट को ‘गद्दार’ बता रहे हैं तो पायलट के समर्थक विधायक अशोक गहलोत के सिपहसालारों को ‘दलाल’ बता रहे हैं.
बुधवार को गहलोत के करीबी और राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के चैयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने बात करते हुए सचिन पायलट पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने सचिन पायलट को ‘गद्दार’ कहा. धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक 2020 में हरियाणा के मानेसर में बैठ गए थे और राजस्थान सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे थे. धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि अब ऐसे ही लोगों को राज्य का मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया जा रहा है.
धर्मेंद्र राठौड़ के बयान का जवाब देते हुए सचिन पायलट कैंप के एमएलए मुरारी लाल मीणा ने कहा कि वे इस बयान से बेहद आहत हैं. उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक मर्यादा के खिलाफ है.
वहीं पायलट कैंप के विधायक वेद प्रताप सोलंकी ने बात करते हुए धर्मेंद्र राठौड़ पर कई आरोप लगाए और उन्हें ‘दलाल’ कहा. बात करते हुए उन्होंने कहा- राठौड़ कौन है? वो एक ‘दलाल’ है. अंग्रेजी में इसे हम लाइजनर कहते हैं. वो बीजेपी और कांग्रेस दोनों का लाइजनर है.बता दें कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के बीच वहां के सीएम के लिए नये चेहरे की खोज हो रही थी. सीएम पद की रेस में सचिन पायलट सबसे आगे चल रहे थे. जयपुर में सीएम पद पर चर्चा के लिए विधायक दल की बैठक भी बुला ली गई थी. तभी ऐन वक्त पर गहलोत समर्थक 82 विधायकों ने सचिन पायलट के नाम पर आपत्ति जता दी. उस रात सियासी ड्रामा इतना बढ़ा कि गहलोत समर्थक 82 विधायकों ने सचिन पायलट के खिलाफ अपना इस्तीफा स्पीकर को सौंप दिया.
ये विधायक एक स्वर में यही कह रहे हैं कि जिसने व्यक्ति ने 2020 में राजस्थान में कथित तौर पर कांग्रेस की सरकार गिराने में सबसे बड़ा रोल निभाया उसे कांग्रेस राजस्थान का सीएम कैसे बना सकती है?