बीकानेर,उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक श्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार गर्मियों के मौसम में रेलवे ट्रैक के सार-संभाल के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे इंजीनियरिंग विभाग द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। इसके लिए रेल पथ पर पटरियों की समय पर ही स्ट्रेसिंग करने के साथ ही उनकी सतत् निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए ट्रैकमेन दिन के अधिकतम तापमान के समय (दोपहर 12 से 16 बजे के मध्य) गश्त करके रेल पटरी की स्थिति की जाँच करते है। भीषण गर्मी के मौसम में भी रेलवे के प्रत्येक ट्रैकमेन द्वारा इकहरी लाइन पर 2 कि.मी. एवं दोहरी लाईन पर दोनोें लाइनों का 1 कि.मी. रेल लाईन का गहन निरीक्षण किया जाता है। ट्रैकमेन द्वारा मुख्य रूप से अधिक गर्मी के मौसम में रेल लाईन के Buckling (गर्मी से फैलने के कारण टेडा-मेढा हो जाना) को चैक किया जाता है। Buckling पाये जाने पर रेलकर्मी उस लाईन को तुरन्त डेटोनेटर (पटाखे) से प्रोटेक्ट करते हुए लाल झण्डी द्वारा किसी भी आती हुई गाडी को रोकने के लिए तैयार रहता है।
इसके अतिरिक्त रेल पटरियों पर पर्याप्त बलास्ट (रोड़ी) की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाती है। ट्रेकमैन, की-मैन, एवं रेलपथ निरीक्षकों को लगातार सेमीनार द्वारा काउसिंल/शिक्षित कर नवीन तकनीकों की जानकारी देने के साथ ही ग्रीष्मकालीन अवधि में क्या न करें/क्या करेे के बारे में बताया जाता है। इसके अतिरिक्त उच्चाधिकारियों द्वारा निरन्तर फुट-प्लेट द्वारा रेलखण्ड एवं रेलकर्मियों की सतत् निगरानी की जाती है।
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे की रीढ ‘‘ट्रैकमेन’’ 24 X7 प्रत्येक मौसम में कठिन मेहनत एवं परिश्रम से रेल संचालन को सुचारू बनाये रखने में अहम योगदान दे रहे हैं।