
बीकानेर,शहर जिलाध्यक्ष सुमन छाजेड़ ने महाराजा गंगासिंह जी की जयंती के अवसर पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि महाराज गंगासिंह सिर्फ बीकानेर ही नहीं बल्कि पूरे देश के दूरदर्शी शासक थे। उन्होंने अपने राजनैतिक कौशल और दूरदृष्टि से बीकानेर को रेगिस्तान से बाहर निकाल कर विकास की राह पर अग्रसर किया।
छाजेड़ ने कहा कि महाराज गंगासिंह जी के भागीरथी प्रयासों से ही बीकानेर में नहर आई, जिसने मरुस्थल की धरती को जीवनदायिनी जलधारा प्रदान की। उनकी इस ऐतिहासिक पहल ने खेती, व्यापार और जीवन-यापन की दिशा बदल दी। यही कारण है कि आज भी उन्हें “नहर लाने वाले महाराजा” के रूप में याद किया जाता है।
उन्होंने कहा कि महाराज गंगासिंह जी केवल अपने राज्य तक सीमित नहीं थे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पहचान रही। प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों के नेतृत्व के लिए उन्हें ब्रिटिश सरकार की ओर से सम्मानित किया गया। साथ ही वे लीग ऑफ नेशन्स (संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व रूप) में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय शासक बने।
महाराज गंगासिंह जी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। गंगाशहर, गंगानगर और गंगानगर नहर परियोजना उनकी दूरदर्शिता और जनसेवा की मिसाल हैं।
सुमन छाजेड़ ने कहा कि बीकानेर आज जिस स्वरूप में है, उसकी नींव महाराज गंगासिंह जी ने अपने शासनकाल में रखी थी। उनका जीवन त्याग, सेवा और दूरदर्शिता का अद्भुत उदाहरण है, जिससे हर पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
मीडिया संयोजक कमल गहलोत ने बताया कि।इस अवसर पर जिला महामंत्री राजेंद्र पंवार, जिला उपाध्यक्ष मोतीलाल हर्ष, जिला मंत्री किशन चौधरी, तरुण स्वामी, सुशील आचार्य, मंजुषा भास्कर, राम कुमार व्यास, प्रकाश मेघवाल, अनूप गहलोत, संतोष आचार्य, मुकेश बन, हरिकांत शर्मा सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।