
बीकानेर,विश्व की बड़ी महती परियोजना मे शुमार है इंदिरा गाँधी नहर परियोजना l राजस्थान क़े रेगिस्तान को नकलीस्तान मे बदलने वाली इस परियोजना पर करोड़ो अरबो रूपये खर्च हुवे किन्तु अपने प्रारम्भ से लेकर आज दिनांक तक कोई वित्तीय अनियमितता या समाचार पत्रों की सुर्खियों मे कभी भ्र्ष्टाचार की न्यूज नहीं छपने दी l आखिर क्यों? इसका मूल कारण इस परियोजना मे सन 1960 से लेकर जून 2017 तक वित्तीय प्रहरी क़े रूप मे कार्यालय मुख्य लेखाधिकारी प्री – चैक की उपस्थिति तत्त पश्चात् कार्यालय मुख्य लेखाधिकारी (निरिक्षण ) इंदिरा गाँधी नहर, बीकानेर l प्री चैक क़े रूप मे अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन क़े कारण कभी अनियमित भुगतान नहीं होने दिया और निरिक्षण क़े रूप मे किये गये गलत भुगतान की करोड़ो रूपयो मे वसूली की गई, किन्तु सरकार मे बैठे भृष्ट तंत्र को यह रास नहीं आया और शुरु से इस संगठन को खत्म करने क़े अपने प्रयास मे आख़िरकार उनको 2016 मे अधूरी सफलता मिली और सन 2021 मे इस संगठन को खत्म करके पूरी सफलता मिली l
देखिए दुर्भाग्य उन कर्मचारियों का जिन्होंने अच्छे वित्तीय प्रहरी क़े रूप मे अपनी ड्यूटी का निर्वहन किया किन्तु जहाँ इस संगठन क़े कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना शासन प्रशासन का राजकीय धर्म बनता था किन्तु खेद है कि 2017 क़े बाद इस संगठन क़े कर्मचारियों का स्थानांतरण करके इसको कमजोर किया गया और सन 2019-20 से लेकर आज दिनांक तक इस संगठन क़े कर्मचारियों को पदोन्नति से वँचित किया जा रहा है l अनेको बार पूर्ववृति सरकार और वर्तमान सरकार क़े शासन चलाने वाले नेताओं और प्रशासन चलाने वाले उच्च अधिकारियो को लिखित मौखिक रूप से अवगत करवाया गया किन्तु आज दिनांक तक इस संगठन क़े कर्मचारियों को पदोन्नति से वँचित किया जा रहा है l बीकानेर सेवा योजना क़े अध्यक्ष राजकुमार व्यास ने बताया कि इस वर्ष क़े प्रारम्भ मे जनवरी माह मे कर्मचारियों से आपत्ति ली गई किन्तु आज दिनांक तक कोई सरकार क़े स्तर पर इस संगठन क़े कर्मचारियों को न्याय नहीं मिला l व्यास ने बताया कार्मिक विभाग क़े सन 2008 क़े आदेश क़े मुताबिक किसी भी संगठन का दूसरे संगठन मे मर्जीग की स्थिति मे वरिष्ठता का निर्धारण नियुक्ति तिथी से होता है और उस नियम क़े तहत आज की तारीख मे इस संगठन का सबसे कनिष्ठ कर्मचारी भी सहायक कर्मचारी क़े पद पर होना चाहिये किन्तु दुर्भाग्य से इस संगठन का वरिष्ठ सहायक 15 से 20 वर्ष तक एक ही पद पर बैठे है और अनेक कर्मचारी जिन्हे नियमानुसार प्रशासनिक अधिकारी या संस्थापन अधिकारी से सेवानिवर्त होना चाहिये था किन्तु खेद है कि वे कर्मचारी सहायक प्रशासनिक अधिकारी या वरिष्ठ सहायक क़े पद से सेवानिर्वत हुवे है l जबकि मुख्य अभियंता इंदिरा गाँधी नहर परियोजना क़े जूनियर कर्मचारी आज दिनांक मे संस्थापन अधिकारी या प्रशासनिक अधिकारी क़े पदों पर कार्यरत है l व्यास ने राजस्थान क़े मुख्यमंत्री से पूछना चाहा है कि अगर निष्ठां, लगन, ईमानदारी से कार्य करने वालों को यही सजा होती है तो नये कर्मचारी अधिकारी जों आज सरकार मे कार्यरत है उनके लिये क्या संदेश जायेगा l इस संबंध मे राजकुमार व्यास, अध्यक्ष, बीकानेर सेवा योजना ने मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर शीघ्र इस संगठन क़े कर्मचारियों को उचित न्याय दिलाने की मांग की है l