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बीकानेर,राज्यपाल एवं महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने कहा कि विद्यार्थी शोध के लिए ऐसे विषयों का चयन करें, जिनका देश और समाज को लाभ मिले। साथ ही विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि हो।

राज्यपाल बुधवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के संत मीराबाई सभागार में आयोजित विश्वविद्यालय के दशम दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों के शोध का वृहद स्तर और दीर्घकालीन लाभ मिले। विश्वविद्यालय शिक्षा के केंद्र बनें। विद्यार्थियों को यहां शिक्षा का बेहतर वातावरण मिले। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसरों को साफ-सुथरा, हरा-भरा बनाए रखने और शिक्षकों को भी अपने पद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने संयमित दिनचर्या के महत्व को बताया और विद्यार्थियों से योग एवं प्राणायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत के युवा अत्यंत प्रतिभाशाली हैं। हमारी बौद्धिक क्षमता का पूरी दुनिया लोहा ने माना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में भारत, विश्व की 12वीं और वर्ष 2014 में में 11वीं बड़ी अर्थवस्था थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरे हैं।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से मां के नाम एक पेड़ लगाने का आह्वान किया और कहा कि पर्यावरण संरक्षण में पौधारोपण का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि समाज ने हमें बहुत दिया है। हमें समाज के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए। उन्होंने भारत की संस्कृति को समृद्ध बताया और कहा कि राजस्थान सूरों, धर्मात्माओं और संतों की नगरी है।

राज्यपाल ने महाराजा गंगा
सिंह को दूरदृष्टा बताया और कहा कि उनके भागीरथ प्रयासों से आई गंगनहर ने रेगिस्तान को हरा-भरा किया। उन्होंने महाराजा गंगा सिंह के सैन्य योगदान को भी रेखांकित किया और कहा कि गंगा रिसाला और ऊंटों की सेना ने प्रथम विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद प्रो. के. जी. सुरेश ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि समाज के लिए ‘देने’ का भाव रखने वालों को समाज सदैव याद रखा है। उन्होंने कहा कि शिक्षित विद्यार्थी समाज और राष्ट्र को क्या दे सकते हैं, इस दिशा में चिंतन करें।

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने स्वागत उद्बोधन दिया और विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किए गए नवाचारों और गत वर्षों में अर्जित उपलब्धियों के बारे में बताया।

दीक्षान्त समारोह में वर्ष 2024 की कुल 1 लाख 20 हजार 812 उपाधियां प्रदान की गई। साथ ही 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2024 की अवधि में कुल 46 शोधार्थियों, जिनमें 22 पुरूष एवं 24 महिलाओं को विद्यावाचस्पति (पीएचडी) की उपाधि प्रदान की गई। समारोह में परीक्षा वर्ष 2024 की परीक्षाओं में अपने विषयों में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले कुल 65 विद्यार्थियों, जिनमें 9 पुरूष एवं 56 महिला को स्वर्ण पदक दिए गए। विधि संकाय की सुश्री लावण्या शर्मा को कुलाधिपति पदक एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की सुश्री तन्नू को कुलगुरु पदक प्रदान किया गया।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में संचालित होने वाली ई-फाईलिंग एवं विश्वविद्यालय के कैलेण्डर का लोकार्पण किया।

इससे पहले राज्यपाल ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए। विश्वविद्यालय द्वारा कुलगीत और विश्वविद्यालय वृत्तचित्र का प्रस्तुतीकरण किया गया।

कार्यक्रम में इस दौरान बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अखिल रंजन गर्ग, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ राजेंद्र बाबू दुबे, राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. सुमंत व्यास, संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सागर, विश्वविद्यालय के कुलसचिव जसवंत सिंह, वित्त नियंत्रक देवेंद्र सिंह राठौड़, अतिरिक्त कुलसचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा आदि मौजूद रहे।

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