बीकानेर,प्रारम्भिक शिक्षा विभाग ने बुधवार को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं तक के स्टूडेंट्स के बैंक खातों में दो-दो सौ रुपए ट्रांसफर करने के आदेश जारी किए हैं। एक अरब 18 करोड़ 53 लाख रुपए स्टूडेंट्स को वर्तमान सेशन की यूनिफॉर्म सिलाई के लिए दिए जा रहे हैं, जो सीधे स्टूडेंट के बैंक खाते में जमा होगा।
शिक्षा विभाग ने स्टूडेंट्स को यूनिफॉर्म के लिए सेशन की शुरुआत में ही कपड़ा दे दिया था। ये कपड़ा स्कूल से वितरित किया गया। तब सिलाई के रुपए देने का वादा किया गया था। ये राशि राज्य के पांच करोड़ 59 लाख 26 हजार 620 स्टूडेंट्स को दी जाएगी।
सीधे बैंक खाते में जमा होगी राशि
ये भुगतान DBT (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) के रूप में स्वीकृत की गई है। किसी भी स्टूडेंट या उसके अभिभावक को नकद राशि नहीं दी जाएगी। स्टूडेंट का बैंक खाता होने पर राशि सीधे खाते में जमा होगी। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय ने बजट जारी करते हुए सख्त हिदायत दी है कि डायरेक्ट बैंक में ही रुपए जमा होने चाहिए।
वंचित रह जाएंगे लाखों स्टूडेंट्स
प्रारम्भिक शिक्षा विभाग ने तो राशि जारी कर दी, लेकिन सभी स्टूडेंट्स को यूनिफॉर्म सिलाई के रुपए नहीं मिलेंगे। दरअसल, डीबीटी योजना के तहत उन्हीं स्टूडेंट्स के खाते में दो सौ रुपए जमा होंगे, जिनके खाते जन आधार कार्ड से लिंक हैं। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स के खाते लिंक
नहीं हैं। यहां तक कि जन आधार कार्ड ही नहीं बने हुए हैं। ऐसे में ये राशि बैंक खाते में नहीं जाएगी।
इस तरह किया बजट वितरण
राज्य को तीन हिस्सों में विभाजित करके बजट का आवंटन किया गया है।
चूरू, दौसा, धौलपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और करौली को 20 करोड़ 58 लाख रुपए का बजट दिया गया है।
बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही और उदयपुर को 15 करोड़ 73 लाख 24 हजार रुपए का बजट मिला है।
अलवर, अजमेर, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनूं, कोटा, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, टोंक को 82 करोड़ 22 लाख रुपए का बजट दिया गया हैं
पहले से चल रहा है प्रोसेस
प्रारम्भिक शिक्षा के वित्तीय सलाहकार संजय धवन ने कहा कि यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है, क्योंकि कार्य पहले से चल रहा है। स्टूडेंट्स को यूनिफॉर्म का कपड़ा पहले ही दिया जा चुका है और सिलाई का भुगतान किया जा रहा है। वैसे इस बारे में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ही अधिकृत तौर पर कुछ कह सकते हैं