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बीकानेर,देश भर के ‌छात्र साहित्यकार एवं बीकानेर मंडल के रेल प्रबंधक कार्यालय में इंजीनियर के पद पर कार्यरत त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ पढ़ेंगे। त्रिलोक सिंह ठकुरेला द्वारा रचित प्रार्थना ‘ऐसा वर दो’ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की कक्षा-4 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘वीणा’ में सम्मिलित की गयी है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की पाठ्यपुस्तकें मुख्य रूप से माध्यमिक शिक्षा परिषद से जुड़े विद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त ये पाठ्यपुस्तकें केन्द्रीय विद्यालयों और कुछ निजी स्कूलों में पढ़ाई जाती हैं। कई राज्यों के शिक्षा बोर्ड भी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करते हैं। त्रिलोक सिंह ठकुरेला ने बच्चों के लिए साहित्य सृजन करने के साथ साथ भारतीय भाषाओं के अनेक बाल कहानी संकलनों का सम्पादन किया है, जिनमें हिन्दी बाल कहानियाँ, तमिल बाल कहानियाँ, पंजाबी बाल कहानियाँ, गुजराती बाल कहानियाँ, बज्जिका बाल कहानियाँ तथा समकालीन बाल कहानियाँ इत्यादि प्रमुख हैं। त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ केरल सरकार एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, तिरुवनंतपुरम की कक्षा- 5 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘हिंदी कक्षा-V भाग-2’, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की कक्षा- 3 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘ऑक्सफ़ोर्ड एडवांटेज हिंदी पाठमाला भाग-2 तथा महाराष्ट्र राज्य की दसवीं कक्षा की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘हिंदी कुमारभारती’ सहित साठ से अधिक पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित की गयी हैं। त्रिलोक सिंह ठकुरेला वर्तमान समय में उन साहित्यकारों में अग्रगण्य हैं, जिन्होंने कुण्डलिया छंद के उन्नयन और पुनर्स्थापना के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ समय समय पर आकाशवाणी एवं रेडियो मधुवन से प्रसारित होती रही हैं। नया सवेरा, काव्यगंधा, समय की पगडण्डियों पर, आनन्द मंजरी, सात रंग के घोड़े इनकी चर्चित कृतियाँ हैं। त्रिलोक सिंह ठकुरेला ने विभिन्न विधाओं की दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का सम्पादन किया है।

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