बीकानेर,राजस्थान के जालोर जिले के सायला थाना इलाके के सुराणा गांव में स्कूल टीचर की पिटाई से 9 साल के दलित छात्र की मौत के मामले में जांच जारी है.जांच के दौरान पुलिस मामले को लेकर चल रही गुत्थियों को सुलझाने में लगी है. इसी बीच दलित छात्र की मौत मामले में राष्ट्रीय एससी आयोग का कहना है कि छात्र के मटके से पानी पीने पर यह घटना घटित हुई है. आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने रविवार को जयपुर में कहा कि इस मामले में गहलोत सरकार की कार्रवाई संतोषप्रद है और आने वाली 24-25 अगस्त को आयोग राजस्थान में दलित अत्याचार की घटनाओं और विभागों के कामकाज को रिव्यू करेगा.
वहीं आयोग का कहना है कि वह जालोर मामले की जांच पूरी होने तक इस पर नजर बनाकर रखेगा. बता दें कि छात्र की मौत के बाद से मामले में पुलिस जांच के बीच कई तरह की थ्योरियां चल रही है. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में कहा था कि छात्र की मौत का मामला ऑफिसर स्कीम में चलेगा और फास्ट ट्रैक ट्रायल करवाकर आरोपी को जल्द सजा दिलवाएंगे.
प्रारंभिक जांच में मटके की थ्योरी की पुष्टि
वहीं आयोग के अध्यक्ष ने आगे कहा कि बच्चे की मौत को लेकर शुरुआत में कई तरह की बातें सामने आई थी जिनमें अब जांच के बाद भी कोई बदलाव नहीं देखा गया है. आयोग के अध्यक्ष का मानना है कि छात्र की मौत की घटना मटके का पानी पीने के कारण ही हुई है जिसकी पुष्टि प्रारंभिक जांच के बाद हुई है.
उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में बीते दिनों में दलित अत्याचार की कई घटनाएं आयोग के सामने आई है जिस पर समय-समय पर आयोग राजस्थान सरकार को नोटिस जारी करता है लेकिन आयोग को इन नोटिस का जवाब नहीं मिलता है.
वहीं आयोग अध्यक्ष ने जानकारी दी कि 24 अगस्त को एक रिव्यू बैठक के जरिए राजस्थान के अनुसूचित जाति जनजाति समाज से जुड़े विधायक और सांसदों के साथ राज्य की घटनाओं और हालातों पर चर्चा की जाएगी. वहीं इधर, राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी छात्र के मौत मामले में अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है जो सोमवार को सौंप दी जाएगी हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि छात्र की पिटाई छुआछूत के चलते की गई थी?
आरोपी के कमरे में मटका रखने की जगह : ADG
वहीं दलित छात्र के मौत मामले में राजस्थान पुलिस के ADG क्राइम रवि प्रकाश ने शनिवार को कहा कि उन्हें स्कूल में पानी पीने के लिए कोई मटकी या मिट्टी का बर्तन नहीं मिला है हालांकि स्कूल में एक जगह ऐसी है, जहां मिट्टी का बर्तन रखा जाता है और वह जगह आरोपी शिक्षक छैल सिंह के के कमरे में है. वहीं एडीजी ने बताया कि जांच की रिपोर्ट में स्कूल में कोई मिट्टी का बर्तन रखा नहीं मिला है. वहीं स्कूल स्टाफ और बच्चों का कहना है कि वह सभी लोग टंकी से पानी पीते थे.