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बीकानेर,महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में हाल ही में एक अतिरिक्त कुलसचिव को परीक्षा नियंत्रक जैसे अत्यंत गोपनीय और निष्पक्षता वाले पद पर नियुक्त किए जाने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आज कुलगुरु को ज्ञापन सौंपा गया।महानगर मंत्री मेहुल शर्मा ने बताया कि अतिरिक्त कुलसचिव कुछ समय पूर्व एक राजनीतिक दल के निजी कार्यक्रम में नेताओं के साथ मंच पर बैठे देखे गए थे, जिससे उनकी निष्पक्षता पर गंभीर संदेह उत्पन्न होता है। यह नियुक्ति न केवल विश्वविद्यालय की साख को धूमिल करती है, बल्कि परीक्षाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न खड़े करती है।
पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता, जो वर्तमान में किसी आधिकारिक राजनीतिक पद पर नहीं हैं, फिर भी लगातार कांग्रेस के मंच संचालन और प्रमुख नेताओं के साथ मंच साझा करते नजर आते हैं, अब उनकी विश्वविद्यालय में नियुक्ति को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं।

विभाग संयोजक मोहित जाजड़ा ने बताया विश्वविद्यालय में उन्हें “अतिरिक्त कुलसचिव” के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जबकि विश्वविद्यालय की अधिसूचना में ऐसा कोई स्वीकृत पद ही नहीं है। इसके बावजूद वे इस कथित पदनाम के नाम पर शासकीय वाहन और अन्य सुविधाओं का नियमित रूप से उपयोग करते हैं।
इनकी नियुक्ति पहले दिन से ही विवादों में रही है इसकी निष्पक्ष जांच की मांग भी समय-समय पर उठाई है। साथ ही यह भी आरोप लगते रहे हैं कि वे लंबे समय से एक ही विभाग में पदस्थ हैं, जिससे निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि विगत सरकार में हुए रीट पेपर लीक प्रकरण में राजीव गांधी स्टडी सर्कल का नाम भी सामने आया था, जिसके वे राज्य संयोजक बताए जाते हैं। इस संस्था पर रीट से जुड़े मामलों में संलिप्तता के आरोप भी लग चुके हैं, जिससे उनकी भूमिका और अधिक संदिग्ध मानी जा रही है।

इन तमाम तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अब विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की जा रही है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए, ताकि विश्वविद्यालय की गरिमा और शैक्षणिक पारदर्शिता बनी रहे।
यदि उक्त अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाकर किसी निष्पक्ष व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई, तो विद्यार्थी परिषद चरणबद्ध आंदोलन करेगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
कुलगुरु महोदय ने परिषद के प्रतिनिधिमंडल को ज्ञापन के संबंध में शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।जिसमे हर्षवर्धन सिंह,सत्यपाल,योगेन्द्र,विक्रम,हर्षवर्धन,आदि कार्यकर्ता रहे

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