बीकानेर,मल्टी स्किल डेवलपमेंट एसोसिएशन द्वारा गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पर एक परिचर्चा आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्राचार्य, आर्थिक चिंतक व लेखक और मल्टी स्किल डेवलपमेंट एसोसिएशन के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति बताने की कोशिश की है । उन्होंने कहा कि इस आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत बना रहेगा । प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने आर्थिक सर्वेक्षण का विश्लेषण करते हुए बताया कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 की विकास दर 7 प्रतिशत के मुकाबले देश की अर्थव्यवस्था 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। 2021-22 के दौरान ये आंकड़ा 11 प्रतिशत का था। वहीं, अगले वित्त वर्ष में नॉमिनल टर्म में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। चालू खाता घाटा बढ़ने की संभावना है।
प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने कहा कि इसके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के महत्वपूर्ण तथ्यों से यह अंदाजा लग जाता है कि बजट 2023-24 में सरकार क्या क्या प्रमुख निर्णय ले सकती है । देश के शेयर बाजार की भी इस पर कड़ी नजर रहती है । इस सर्वेक्षण के अनुसर पीएम गति शक्ति, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं जैसे उपायों से भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा । प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने आर्थिक सर्वेक्षण की विस्तार से व्याख्या करते हुए कहा कि भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। छोटे व्यवसायों के लिए लोन की मांग में जनवरी- नवंबर के बीच 30.5 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। चालू वित्त वर्ष में सरकार का पूंजीगत व्यय 63.4 प्रतिशत से बढ़ा है। प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने कहा की इस सर्वे में बताया गया है कि महंगाई अधिक रहने के कारण ब्याज दरें ऊच्च स्तर पर रह सकती हैं ।