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बीकानेर-आज के आधुनिक युग में जहाँ मशीनों का चलन बढ़ रहा है वहीं क्राफ़्टी बेली हाथ से बने उत्पादों को इस्तेमाल करने पर बल दे रहा है। हज़ारों महिलायें क्राफ़्टी बेलीं से जुड़कर अपने हुनर के बलबूते पर ख़ुद को आत्मनिर्भर बनाकर समाज को एक नई दिशा दे रही है, तथा अपने हुनर के ज़रिए अपने परिवार को आर्थिक,शैक्षिक, सामाजिक रूप से और मज़बूत बना रही है।

क्राफ़्टी बेलीं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक समर्पित संस्था है।क्राफ़्टी बेलीं पूरे उत्साह और बिना राजनीतिक छाप लगाये सिर्फ़ अपने मिशन पर समर्पित है।
क्राफ़्टी बेली के ग्रामीण दस्तकारो द्वारा ऐप्लिक, अजरख और कशीदाकारी वर्क में बनाए गए उत्पाद विश्व भर अपनी पहचान बनाए हुए है।
क्राफ़्टी बेलीं के ओनर मोहसिन ख़ान माँगलिया 8 अगस्त को भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त हस्तशिल्प के जयपुर स्थित कार्यालय में सामूहिक शिल्पकार जाजम वार्ता में जा रहे है।मोहसिन ख़ान ने बताया कि जाजम वार्ता में हस्तशिल्प के उत्थान के लिए प्रयास हेतु सभी शिल्पकार अपने अपने विचार रखेंगे।
फ़ैशन डिज़ायनर नीलोफर ख़ान ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को अपने हुनर को विशेष पहचान दिलाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण दस्तकारो से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर विशेष रूप से ध्यान देने के लिए आग्रह किया। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर आमजन को हथकरघा उत्पादों से जोड़ने के लिए विशेष छूट रखी गई है। क्राफ़्टी बेलीं क्राफ़्ट सेंटर पर हाथ के कशीदा के काम की कोटा डोरिया साडी, ऐप्लिक वर्क साड़ी,अजरख वर्क साड़ी, लिलन और सिल्क साड़ी, सूट, बेडकवर, कुशन कवर, पर्दे, इत्यादि आकर्षण का केंद्र है।

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