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बीकानेर,प्रकृति में ध्वनि से अप्रभावित कोई भी जीव नहीं होता है। इस लिए ध्वनि यानी नाद से जीव मात्र का संबंध प्रकृति से नैसर्गिक होता है। इसी भाव को नजदीक से महसूस करने का सुअवसर कला साहित्य एवं संस्कृति विभाग राजस्थान सरकार एवं बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (आइडिया लेब) के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 30 मार्च 2024 को दोपहर 1.30 बजे बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय करणी औद्योगिक क्षेत्र के सभागार में मिलने जा रहा है।
*अभियान के इस अवसर पर पोस्टर का विमोचन पुजारी बाबा जी (बीकानेर के विश्व प्रसिद्ध संत गायत्री उपासक) ने अपने आशीर्वचन में कहा कि इस पृथ्वी को संतुलित करने के लिए जीव मात्र की रक्षा के लिए हमें बेजुबान जीव जंतुओं की सेवा सदैव करनी चाहिए* और उन्होंने इसके रहस्य पर अपने अनुभव बताएं।
*कार्यक्रम के प्रेरक और समन्वयक अंतर्गत आचार्य राजेंद्र जोशी जो कि पिछले 24 वर्षों से अधिक समय से देश-विदेश और संपूर्ण भारत में जीव जंतुओं के अधिकार हेतु सकारात्मक कदम उठाते रहे हैं अपना सितार वादन प्रस्तुत करेंगे*, इनके साथ तबले पर संगत पंडित नवरतन एवं तेजस तथा कृष्ण कुमार जोशी अपना संगीत योगदान देंगे कार्यक्रम के *मुख्य अतिथि तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री प्रोफेसर अंबरीश शरण विद्यार्थी होंगे*। कार्यक्रम शुभारंभ पंडित अशोक महाराज जी के स्वस्ति वाचन से होगा।

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