बीकानेर। प्रदेशभर में कोरोना रोगी बढ़ रहे हैं। रोगियों के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए जेल प्रशासन पहले से सतर्क हो गया है। जेल में हाल ही में बंदियों से परिजनों की फेस-टू-फेस मुलाकात बंद कर दी है वहीं जेल में बंदियां को कोरोना से बचाने व सुरक्षित रखने के लिए अब पूरी तरह से सर्तकता बरतनी शुरू कर दी है।
हर कर्मचारी की जांच, फिर प्रवेश
जेल प्रशासन ने केन्द्रीय कारागार के मुख्य दरवाजे पर सुरक्षा गार्ड तैनात कर रखे हैं, जिन्हें सैनेटाइजर मुहैया कराया हुआ है। जेल में बाहर से कोई भी कर्मचारी, अधिकारी व पुलिसकर्मी आते हैं तो उन्हें सैनेटाइजर एवं स्क्रीनिंग करने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। इतना ही नहीं बाहर जांच होने के बाद जेल में प्रवेश करने के बाद आने-जाने वालों का रिकॉर्ड रखने वाले काउंटर पर फिर थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। जेल प्रशासन ने कर्मचारियों, पुलिस व सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ-साथ बंदियों को मास्क लगाना और सैनेटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य रूप से लागू कर दिया है।
जेल में आइसोलेशन वार्ड व दवाइयां स्टॉक की
कोरोना के मद्देनजर महिला व पुरुष वार्ड में एक-एक आइसोलेशन वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। जेल डिस्पेंसरी में सर्दी, जुकाम व बुखार की दवा का अतिरिक्त स्टॉक कर लिया है। हल्की-सर्दी जुकाम होने पर तुरंत मरीज का चेकअप करावा रहे हैं। संदिग्ध लगने वाले मरीज की कोरोना जांच कराकर सैम्पल भेज रहे हैं।
१६०० क्षमता वाली जेल में १५०० से अधिक बंदी
बीकानेर जेल की १६०० बंदी रखने की क्षमता है। वर्तमान में जेल में १५०० से अधिक बंदी रह रहे हैं। ऐसे में बंदियों को कोरोना से बचाना बेहद बड़ी चुनौती है। इसलिए जेल प्रशासन पूरी तरह से सख्ती बरत रहा है। जेल प्रशासन की लापरवाही से कोरोना ने प्रवेश किया तो संभालना मुश्किल होगा।
पिछले साल दूसरी जेलों से आए 22 बंदी निकले कोरोना पॉजिटिव
पिछले साल १७ बंदी कोरोना की चपेट में आए थे, जिससे एकबारगी हड़कंप मच गया था। बता दें कि पिछले साल ८० बंदी हनुमानगढ़, अनूपगढ़, करणपुर और फलौदी से ट्रांसफर होकर बीकानेर केन्द्रीय कारागार पहुंचे थे। जेल प्रशासन ने इनकी कोरोना जांच कराई, जिसमें से 22 बंदी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। हालांकि समय रहते जेल प्रशासन ने स्थितियां संभाल ली और कोरोना बढ़ा नहीं था।
बरत रहे हैं सतर्कता
कोरोना के मरीज बढऩे के साथ ही सतर्कता बढ़ा दी गई है। त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था की गई है। जेल डिस्पेंसरी में अतिरिक्त दवाएं मंगवा ली गई है। जेल बंदियों व कार्मिकों के लिए पर्याप्त मात्रा में मास्क व सैनेटाइजर उपलब्ध है। सर्दी-जुकाम वाले बंदियों को अलग से रखने की व्यवस्था कर रखी है। कोरोना के संदिग्ध बंदियों के लिए आइसोलेशान वार्ड आरक्षित कर लिया है।
आर. अनंतेश्वरन, अधीक्षक केन्द्रीय कारागार