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बीकानेर, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की अध्यक्षता में गुरूवार को जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की हुई।
उन्होंने जिले में बाल श्रमिकों के रेस्क्यू कार्यक्रम के तहत बालकों के पुनर्वास एवं शिक्षा, स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था करवाए जाने के लिए निर्देशित किया। जिला कलक्टर ने भिक्षावृत्ति में लिप्त व कचरा बिनने वाले बालकों का सर्वे किया जाकर रेसक्यू कार्यक्रम चलाए जाने एवं इनके पुनर्वास के संबंध में सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई संगठित गिरोह बच्चों से भीख मंगवाने और कचरा बिनवाने का काम करवा रहा है तो उसकी पहचान कर, उनके विरूद्ध पुलिस में मामला दर्ज करवाएं। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे कर, ऐसे बच्चों की पहचान करने तथा इनके स्वास्थ्य जांच के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी कच्ची बस्तियों में जाएं, भीख अथवा कचरा बिनने का काम करने वालों से समझाईश करते हुए बाल श्रम कानून के प्रावधानों की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर, उन्हें विद्यालयों में प्रवेश दिलाए। उनके माता-पिता को बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए मॉटिवेट करें।
जिला कलक्टर ने जिले के सभी औद्योगिक क्षेत्र की इकाईयों का औचक निरीक्षण के निर्देश दिए और कहा कि औचक निरीक्षणों की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही संस्थान व दुकानों के बाहर बाल श्रमिक नहीं होने का नोटिस चस्पा करवाएं।
जिला कलक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अगर बाल संरक्षण इकाईयों का गठन नहीं हुआ है, तो इसकी जानकारी दी जाए, जिससे विकास अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए जा सकें। उन्होंने विभागीय कार्यों यथा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, चाईल्ड लाईन एवं राजकीय गृहों के कार्यों के संबंध में चर्चा भी की।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार, बाल अधिकारी अरूण सिंह, प्रभारी मानव तस्करी प्रकोष्ठ, अध्यक्ष एवं सदस्यगण, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ.किरण सिंह, सदस्य एड. जुगल किशोर व्यास, हर्षवर्द्धन सिंह भाटी, सरोज जैन व आईदान, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अरविन्द सिंह सैंगर व किरण गौड़, समन्वयक चाईल्ड लाईन चेनाराम के साथ श्रम विभाग एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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