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बीकानेर में प्रदेश का पहला सी एंड डी वेस्ट  निर्माण एवं विध्वंस सामग्री प्लांट स्थापित होगा। इसकी कवायद शुरू हो गई है। नगर निगम ने इस प्लांट को स्थापित करने के लिए डीपीआर तैयार करवाई है।

डीपीआर की स्वीकृति के बाद इस प्लांट को स्थापित करने की आगामी प्रक्रिया शुरू होगी। इस प्लांट को स्थापित करने में साढ़े पांच करोड़ रुपए की लागत आएगी। घरों, इमारतों, सड़कों आदि को तोड़ने के बाद मलबे के रूप में निकली निर्माण सामग्री को इस प्लांट के माध्यम से पुन: उपयोग के लिए उपयोगी बनाया जाएगा। निगम को इस प्लांट के संचालन से राजस्व की प्राप्ति भी होगी।

पांच हेक्टेयर जमीन का होगा उपयोग

नगर निगम सी एंड डी वेस्ट प्लांट को बल्लभ गार्डन क्षेत्र में स्थापित करेगा। डम्पिंग यार्ड के पास इस प्लांट को स्थापित करने की योजना है। प्लांट के लिए बिल्डिंग एरिया व माल स्टोरेज के लिए करीब पांच हेक्टेयर जमीन का उपयोग होगा, जबकि 61 मीटर गुणा 162 मीटर एरिया में प्लांट का निर्माण होगा।

निर्माण सामग्री का हो सकेगा पुन: उपयोग

इस प्लांट की डीपीआर तैयार करने वाली फर्म वीएनबीसी एन्वायरमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड के इंजीनियर सुनील कुमार के अनुसार निर्माण व विध्वंस से निकलने वाली सामग्री को इस प्लांट में स्थापित चार यूनिट के माध्यम से अलग-अलग कर पुन: उपयोग के लायक बनाया जाएगा। प्रदेश में यह पहला प्लांट है, जो बीकानेर में स्थापित होगा। निर्माण सामग्री में शामिल कंक्रीट, पत्थर, लकड़ी, धातु, बजरी, मिट्टी को अलग किया जाएगा। इनका पुन: उपयोग हो सकेगा। रोज 20 से 25 टन निर्माण सामग्री को उपयोगी बनाने की क्षमता इस प्लांट की होगी।

अभी नहीं हो रहा उपयोग

वर्तमान में घरों, इमारतों, सड़कों आदि के निर्माण के दौरान मलबे के रूप में निकलने वाली निर्माण सामग्री का उपयोग नहीं हो रहा है। इस मलबे को शहर से बाहर खुले में अथवा सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है। इस प्लांट के स्थापित होने से इस मलबे का उपयोग हो सकेगा।

सरकार को भेजेंगे

सी एंड डी वेस्ट प्लांट के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार हो गई है। इस डीपीआर को राज्य सरकार को भेजा जाएगा। राज्य सरकार इसे केन्द्र सरकार को भेजेगी। केन्द्र सरकार की स्वीकृति के बाद स्वीकृत डीपीआर अनुसार टेण्डर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत केन्द्र सरकार के मापदंडो व गाइडलाइन के अनुसार प्लांट स्थापित होगा। प्रदेश में यह पहला होगा। प्लांट को स्थापित करने में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और नगर निगम की राशि खर्च करने में हिस्सेदारी होगी।

ओम प्रकाश चौधरी, प्रभारी अधिकारी, स्वच्छ भारत मिशन, नगर निगम, बीकानेर।

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