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बीकानेर  परशुराम जयंती, अक्षय तृतीय व ईद के अवसर पर राज्य सरकार प्रदेश में शांति बनाए रखने में विफल साबित हुई है। स्वयं मुख्यमंत्री जी के क्षेत्र में व्यापक साम्प्रदायिक दंगे भड़के हैं जिसके लिए सरकार और सरकार की तुष्टिकरण नीतियां जिम्मेदार है। भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर सज्जा को खंडित करने का प्रयास, क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति का इस्लामीकरण का प्रयास जैसे षडयन्त्र का प्रयास कर हिन्दूओ को भड़काने का प्रयास किया गया। ये सब कार्य राजस्थान के मुख्यमंत्री के गृह जिले में हुआ है जो कि साफ रूप से इंटेलिजेन्स एजेंसी की नाकामी है। पुलिस पर भारी पथराव इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि हमले की व्यापक तैयारी पहले से थी।

भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि गहलोत सरकार ने राजस्थान में पीएफआई को पैर पसारने की अनुमति दी है जिसके कारण पहले करौली और अब जोधपुर में साम्प्रदायिक घटना घटी है जिसके लिए सीधे सीधे सरकार की नीतियां जिम्मेदार है।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि सुनियोजित तरीके से फैलाई गई हिंसा में जोधपुर की विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास के घर पर हमला जिला प्रशासन की घोर विफलता है।

जोधपुर में साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने की घटना का प्रदेश कार्यकारणी सदस्य एडवोकेट मुमताज़ अली भाटी, मोहन सुराणा, अनिल शुक्ला, अशोक प्रजापत,भगवान सिंह मेड़तिया, विजय आचार्य, महावीर रांका, अविनाश जोशी, मनीष आचार्य, रमजान अब्बासी,प्रोमिला गौतम, सुमन छाजेड़, सुमन शेखावत, कोशल शर्मा, श्यामसुंदर चौधरी, राजराम सीगड़, वेद व्यास, उस्मान गनी आदि कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियों ने निंदा की है और आमजन से शांति की अपील की।

भाजपा जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य ने बताया कि जोधपुर में साम्प्रदायिक माहौल खराब करने व सरकार की विफलता को लेकर गुरुवार, 5 मई को जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन भिजवाया जाएगा।

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