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  • जयपुर। राज्य सरकार ने भले ही बढ़ते कोविड़ मामलों को लेकर शहरी क्षेत्रों में पाबंदिया लगा दी हो, किन्तु नगर निगम और परिषद क्षेत्र से सटे पंचायती क्षेत्रों में कई नामचीन स्कूल इसी कोविड़ गाइडलाइन का नाजायज फायदा उठा लगातार लापरवाही बरत अभिभावकों और छात्र-छात्राओं की जान जोखिम में डाल रहे है। इन पंचायती क्षेत्रों संचालित हो रहे नामचीन स्कूलों में केवल ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्र ही नही बल्कि शहरी क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं भी शामिल है। जिसका असर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एक समान होगा जिससे शहरी के बाद ग्रामीण इलाकों में संकट के बादल मंडराने लगेंगे। संयुक्त अभिभावक संघ राज्य सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुरक्षा बरतने और अभिभावकों व छात्र-छात्राओं को सुरक्षित रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी संचालित हो रहे स्कूलों पर फिलहाल कुछ दिनों तक पाबन्दी लगाए।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि सोमवार को देखा गया था कि प्रदेशभर में निजी स्कूलों ने जमकर कोविड़ गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई, जिसका परिणाम राजधानी जयपुर जिला विराट नगर के दूधी, आमरोदा ग्रामीण क्षेत्र में संचालित सरकारी स्कूल में एक-दो नही बल्कि पूरे 27 विद्यार्थी कोरोना संक्रमित पाए गए। ठीक उसी प्रकार मंगलवार को भी प्रदेशभर में यही आलम देखने को मिला, जयपुर में मानसरोवर स्थित टैगोर पब्लिक स्कूल जहां भीड़ जुटाता हुआ दिखाई दिया गया तो चूरू जिले के इंडियन पब्लिक सीनियर सेकेंड्री स्कूल ने भी जबर्दस्ती बच्चों को स्कूलों में बुलाया, वही कोटा जिले के खातौली में अम्बिका स्कूल की स्थिति इतनी विकट पाई गई कि वह दो कक्षाएं के बच्चों को एक ही रूम में बैठकर पढ़ाई करवा रहा है। राज्य में ऐसे बहुत सारे शहरी और ग्रामीण इलाकों के स्कूल है जो राज्य सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाकर अभिभावकों और छात्र-छात्राओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है। ऐसे में राज्य सरकार को कोविड़ गाइडलाइन की नसीहत केवल जनता पर ना देकर प्रशासन को भी सख्ती बरतने के निर्देश भी देंवे और लापरवाही बरतने वाले स्कूलों पट केवल जुर्माना लगाने की बजाय उनकी मान्यता रदद् करने पर विचार करना चाहिए।

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि गांवों में बिना टेस्टिंग व्यवस्था बनाये शिक्षा मंत्री बीड़ी कल्ला, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड़ कम होने के दांवे कर रहे हो किन्तु संयुक्त अभिभावक संघ राज्य सरकार को कहना चाहता है कि वह ग्रामीण क्षेत्रों को अति गंभीरता से लेंवे, शहरी क्षेत्रों में आमजन फिर भी जागरूक है किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का गहरा अभाव है। प्रदेश को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बांटने की बजाय राज्य सरकार प्रदेश को एक सिरे से लेंवे और एक समान पाबंदिया लागू करें। शहरी क्षेत्रों के साथ – साथ ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल भी 31 जनवरी तक पूरी तरह से बंद कर राज्य सरकार को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए

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