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बीकानेर,चिंतन शिविर से इतर राज्यसभा चुनावों से पहले कांग्रेसी खेमे के नाराज विधायकों ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। नाराज चल रहे विधायकों को मनाने के साथ डैमेज कंट्रोल का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभाल लिया है। कांग्रेस विधायकों की उदयपुर में बाड़ेबंदी शुरू हो रही है। दो लग्जरी बसों से विधायकों को उदयपुर रवाना किया गया। अभी बसपा से कांग्रेस में आए चार विधायक और आधे निर्दलीय विधायक बाड़ेबंदी में नहीं पहुंचे हैं।

सीएम के खास नेताओं ने पहले ही उदयपुर पहुंचकर चिंतन शिविर वाले होटल ताज अरावली में बाड़ेबंदी की व्यवस्थाएं संभाल ली हैं। अब 9 जून तक विधायकों के उदयुपर में ही बाड़ेबंदी में रखने की तैयारी है। तीन निर्दलय विधायक पहले ही बाड़ेबंदी में पहुंच चुके थे।

बसपा से कांग्रेस में आए चार विधायक नहीं गए उदयपुर, दिन में टाइगर सफारी

बसपा से कांग्रेस में आए चार विधायक अभी बाड़ेबंदी में नहीं गए हैं। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, विधायक वाजिब अली, संदीप यादव, लाखन सिंह और गिर्राज सिंह मलिंगा उदयुपर नहीं गए हैं। इन विधायकों ने दिन में सरिस्का टाइगर रिजर्व में घूमे। विधायक वाजिब अली ने कहा कि अभी उदयपुर नहीं जाएंगे, बाद में देखेंगे।

निर्दलीय हुड़ला नहीं गए बाड़ेबंदी में, तबीयत खराब

निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला भी उदयपुर बाड़ेबंदी में नहीं गए। हुड़ला दिन में तबीयत खराब होने के कारण एसएमएस अस्पताल में चैक अप करवाया।

नाराज विधायकों पर इंटेलीजेंस की निगाह

नाराज विधायकों पर इंटेलिजेंस की निगरानी बढ़ा दी गई है। नाराज विधायकों पर इंटेलिजेंस और पुलिस की खास नजर है। इन विधायकों के मिलने-जुलने वालों तक पर निगाह रखी जा रही है। सचिन पायलट खेमे की जुलाई 2020 में हुई बगावत और इससे पहले जून 2020 में हुए राज्यसभा चुनावों में भी यही पैटर्न अपनाया गया था। बताया जाता है कि पॉलिटिकल क्राइसिस मैनेजमेंट का अनुभव रखने वाले पुलिस अफसर पर्दे के पीछे एक्टिव हो गए हैं। इंटीग्रेटेड रूप से निगरानी और क्राइसिस मैनेजमेंट शुरू कर दिया गया है। नाराज विधायकों को मनाने के लिए सीएम खुद सक्रिय हैं।

BJP समर्थक निर्दलीय कैंडिडेट सुभाष चंद्रा के कांग्रेसी खेमे के कुछ विधायकों से अच्छे रिश्ते हैं। सुभाष चंद्रा और BJP नेताओं ने कांग्रेसी खेमे के कुछ विधायकों से संपर्क किया है, जिसके बाद निगरानी तंत्र और मजबूत कर दिया गया है।

बीटीपी के दो विधायक, तीन निर्दलीय ने कांग्रेसी खेमे की चिंता बढ़ाई
दो दिन पहले मुख्यमंत्री निवास पर मिलने के लिए नहीं पहुंचे तीन विधायकों के अलावा बीटीपी के दो विधायकों से संपर्क साधा गया है। बीटीपी के दोनों विधायकों ने अभी स्टैंड साफ नहीं किया है।

बीटीपी के विधायक आदिवासी को कांग्रेस से राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के मुद्दे के अलावा पहले के लंबित मुद्दों का समाधान नहीं होने से नाराज हैं। निर्दलीय बलजीत यादव अब तक नहीं माने हैं।

सुरेश टाक,बाबूलाल नागर ड़ेबंदी से पहले उदयपुर पहुंचे
किशनगढ़ विधायक सुरेश टाक और सीएम के खास निर्दलीय बाबूलाल नागर बाड़ेबंदी से पहले ही उदयपुर पहुंच गए हैं। वहीं देर रात खुशवीर सिंंह जोजावर भी होटल पहुंच गए। सुरेश टाक और ओमप्रकाश हुड़ला सीएम से मिल चुके हैं, लेकिन इनके BJP के पुराने बैकग्राउंड को देखते हुए इन पर निगरानी रखी जा रही है। सुरेश टाक को इसीलिए पहले उदयपुर भेजा गया है।

नाराज विधायकों के पास सरकार पर प्रेशर बनाने का अंतिम मौका

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक सरकार से नाराज चल रहे कांग्रेस, निर्दलीय और बीटीपी विधायक अपने-अपने पैंडिंग कामों और मुद्दों की वजह से नाराज हैं। राज्यसभा चुनाव में इनके वोट चाहिए। इस सरकार के कार्यकाल में यह आखिरी राज्यसभा चुनाव है, इसलिए विधायक भी जानते हैं कि इसके बाद प्रेशर बनाने का इतना बेहतरीन मौका नहीं मिलेगा। नाराजगी जाहिर करने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है।

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