बीकानेर,भारतीय संस्कृति एवम् सनातन सार्वभौम महासभा , श्री विप्र महासभा , ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन , श्री दिव्य शिव शक्ति पीठ की ओर से भारतीय व सनातन जागृति महा अभियान व पूजन अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच की अगुवाई में सवा लाख मन्त्रों से अभिमंत्रित माँ सरस्वती की 51000 दिव्य व विशेष तस्वीरो से बसंत पंचमी पर ज़िले/शहर के 108 मंदिरों सहित विद्यालयो कॉलेज कार्यालयों संस्था भवनों घरों में पूजन व उत्सव के विशेष अनुष्ठान सुबह से देर रात तक चले जिसमें सरस्वती माँ की अभिमंत्रित दिव्य व विशेष तस्वीर का पूजन कॉपी कलम पूजन प्रवचन संगीत आदि के विशेष अनुष्ठान हुवे
संतों के सानिध्य में मुख्य अनुष्ठान जुबली नागरी भंडार स्टेशन रोड बीकानेर स्थित सरस्वती माता मंदिर में माँ सरस्वती कॉपी कलम पूजन व भोग के विविध अनुष्ठान के साथ हुवा भारतीय व सनातन जाग्रति महा अभियान में समर्पित व पूजन अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच दंडी स्वामी ब्रह्मआश्रम जी महाराज अग्नि अखाड़े के स्वामी श्री वसुन्दरानंद जी जुबली नागरी भंडार के अध्यक्ष श्री नंदकिशोर जी सोलंकी संपत दाधीच लीलाधर आसोपा शंकरलाल जोशी मंजुलता आसोपा आदि ने वैदिक मन्त्रोचर से पूजन किया कॉपी कलम का पूजन संतों द्वारा किया जा करके भोग अर्पित किया गया । संतों के प्रवचन के पश्चात पूजा की गई कॉपी कलम व सवा लाख मंत्रों से अभिमंत्रित दिव्य व विशेष तस्वीरे भोगप्रसाद के साथ सभी को वितरित की गई
संत प्रवचन – दंडी स्वामी श्री ब्रह्मआश्रम जी महाराज ने कहा कि माँ सरस्वती विद्या प्रदात्री देवी है जिसकी नित्य पूजन से मन मस्तिष्क में विशेष ऊर्जा का संचार होते हुवे मनुष्य का मन विद्या व नवीन ज्ञान की ओर अग्रसर होता है तथा सत्मार्ग का ज्ञान मनुष्य को होता है इसलिए माँ सरस्वती की पूजा छात्र छात्रो के साथ हर उम्र के स्त्री पुरुष को प्रतिदिन करनी चाहिए
अग्नि अखाड़े के स्वामी श्री वसुन्दरानंद जी महाराज ने कहा कि बसंत पंचमी माँ सरस्वती का प्राकट्य दिवस होते हुवे नवीन ऋतु बसंत का आगमन दिवस भी है इस दिन माँ सरस्वती का पूजन करते हुवे प्रतिदिन पूजन व्यक्ति के बोधिक चारित्रिक विकास के साथ साथ विकास के नये आयाम व उत्तरोत्तर प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता हे उन्होंने सवा लाख मन्त्रों से अभिमंत्रित हुई माँ सरस्वती की दिव्य व विशेष तस्वीर की पूजा का महत्व बताते हुवे कहा कि यह शाश्वत सत्य है कि मंत्र साधना में दिव्य शक्ति है मंदिरों में स्थापित होने वाली मूर्तियों को प्रकांड ब्राह्मणों से मंत्र साधना उपरांत मन्त्रोचर के साथ प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित कराया जाता है जो मूर्ति को निर्जीव से सजीव बनाने का शास्त्र सम्मत विधान है इसी प्रकार से घरों आदि स्थानों पर पूजा हेतु रखी जाने वाली मूर्तियों/ तस्वीरो को मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित कराया जाना मूर्तियों/तस्वीरो में प्राण प्रतिष्ठा के अनुरूप फलदायी माना गया है विशेष व दिव्य अनुष्ठान में सवा लाख मंत्रों से पूजन अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच की अगुवाई में अभिमंत्रित हुई माँ सरस्वती की तस्वीरो की प्रतिदिन पूजा शास्त्रोक्त विधान के अनुसार दिव्य फलदायी रहेगी उन्होंने कहा सनातन के आदर्श व मान्यताओं का अंगीकृत करना सुखद व संपन्न जीवन के साथ साथ देश में शांति सोहार्द भाईचारा विकास का आधार स्तंभ है
पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच ने कहा कि शास्त्रोक्त व्यवस्था की पालना व आचरण करना सनातन का आधार है प्रतिदिन की पूजा व जीवन सेली में शास्त्रोक्त मर्यादाओं की पालना करना मनुष्य के कृतित्व व व्यक्तित्व में उत्तरोत्तर वृद्धि करने में सहायक माना गया है देव चित्रों को दिव्य व विशेष अनुष्ठान में सवा लाख मंत्रों से अभिमंत्रित करने में शास्त्रोक्त मर्यादाओं की कठोरता से पालना करते हुवे अनुष्ठान को पूरा किया जाता है दिव्य व विशेष अनुष्ठान में तस्वीरो को अभिमंत्रित किए जाने से इनकी पवित्रता बनी है इन तस्वीरे की नित्य प्रतिदिन पूजा विशेष फलदायी रहेगी ।
श्री नंदकिशोर सोलंकी ने कहा कि भारतीय व सनातन जागृति का वर्ष पर्यन्त का महा अभियान करना साधारण बात नहीं है उन्होंने पंडित दाधीच का साधुवाद करते हुवे कहा कि यह देश में एक मात्र अनुष्ठान है इस कारण से इस महा अभियान से बीकानेर के प्रत्येक वासी का गौरव बढ़ा है सनातन परंपरा का पालन आवश्यक है सनातन के आदर्श मनुष्य के संपूर्ण विकास में सहायक है
माँ सरस्वती की सवा लाख मंत्रों से अभिमंत्रित दिव्य व विशेष तस्वीरो का वितरण दिन भर शहर / ज़िले के विभिन्न क्षेत्रों के मंदिरों विद्यालयों कॉलेज कार्यालय संस्थाओं के भवनों आदि में जारी रहा
भारतीय संस्कृति व सनातन सार्वभोम महासभा ब्राह्मण अंतर्राष्ट्रीय संगठन श्री विप्र महासभा श्री दिव्य शिव शक्ति पीठ द्वारा माँ सरस्वती की 51000 हज़ार तस्वीरो को अभिमंत्रित कर निशुल्क रूप से वितरित करने के अनुष्ठान का मुख्य अनुष्ठान जुबली नागरी भंडार स्टेशन रोड बीकानेर स्थित सरस्वती माता मंदिर के प्रांगण में हुवा पूजन अनुष्ठान में समर्पित
सनातन जागृति व पूजन अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच( राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय संस्कृति व सनातन सार्वभोम महासभा , राष्ट्रीय संयोजक श्री विप्र महासभा , राष्ट्रीय महामंत्री ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन, अधिष्ठाता श्री दिव्य शिव शक्ति पीठ ) दंडी स्वामी श्री ब्रमआश्रम जी महाराज अग्नि अखाड़े के स्वामी श्री वसुन्दरानंद जी महाराज जुबली नागरी भंडार के अध्यक्ष श्री नंदकिशोर सोलंकी संपत दायमा ने दीप प्रवज्जवलित कर सरस्वती माता का पूजन कॉपी कलम पूजन कर मुख्य अनुष्ठान का शुभारंभ किया लीलाधर आसोपा शंकरलाल जोशी मंजुलता आसोपा रजत दाधीच विमला रामावत जुगल किशोर पुरोहित पुजारी कुमार गोतम आदि सहित बड़ी संख्या में स्त्री पुरुष ने पूजन किया
संतों के करकमलों से अभिमंत्रित तस्वीरो के साथ कॉपी कलम का भोग प्रसाद वितरित कीगया इस अवसर पर संतों का प्रवचन भी हुवा
बसंत पंचमी महोत्सव के अन्तर्गत शहर/ज़िले के विभिन्न 108 मंदिरों में क्षेत्र के सनातन धर्मावलम्बियों की भागीदारी के अनुसार सरस्वती माताजी कॉपी कलम पूजन के विशेष अनुष्ठान सुबह से देर रात तक हुवें मंदिरों के साथ साथ विद्यालयों कॉलेज कार्यालयों घरों में भी अभिमंत्रित तस्वीरो का पूजन व उत्सव के अनुष्ठान हुवे
आयोजन सह प्रभारी शंकर लाल जोशी ने बताया कि विशेष सनातन पर्वों के अनुष्ठान हेतु जारी कलेण्डर के अन्तर्गत बसंत पंचमी महोत्सव का यह अनुष्ठान सनातन जागृति एवम् सनातन पर्वों को पारंपरिक रूप से सभी सनातन धर्मावलम्बियों की सामूहिक उपस्थिति व सहभागिता के पावन से उद्देश्य से पूजन अनुष्ठान में समर्पित पंडित श्री योगेन्द्र कुमार दाधीच द्वारा पिछले 41 वर्षों से लगातार किया जा रहा है