
बीकानेर,सप्त शक्ति कमान द्वारा अत्याधुनिक तकनीकों की व्यापक समझ और उनको भविष्य की युद्ध रणनीतियों में शामिल करने को प्रोत्साहित करने के लिए एक “टेक्नोलॉजी एब्सॉर्प्शन सेमिनार” का आयोजन 25 मार्च 2025 को हिसार मिलिट्री स्टेशन में किया गया। इस सेमिनार में प्रमुख रक्षा विशेषज्ञ और लीडर्स शामिल हुए जिन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर युद्ध और अगली पीढ़ी के संचार नेटवर्क जैसी उभरती तकनीकों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवाचारों को सुगमता से रक्षा क्षमताओं, निर्णय लेने की प्रक्रिया और ऑपरेशनल इफेक्टिवनेस को बढ़ाने के लिए शामिल करने का था। इस सेमिनार में विशेषज्ञों के समूह द्वारा वैश्विक सुरक्षा को बदलने वाली क्रांतिकारी तकनीकों पर चर्चा, औद्योगिक साझेदारों द्वारा नवीनतम उपकरणों का प्रदर्शन, रक्षा आधुनिकीकरण के लिए कार्यान्वयन रोडमैप का पता लगाने की रणनीतियाँ, प्रमुख तकनीकी कंपनियों और रक्षा पेशेवरों के साथ नेटवर्किंग के अवसर जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल थे।
सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर, सप्त शक्ति कमांड मौजूद थे। अपने संबोधन में उन्होंने संघर्ष की प्रकृति को फिर से परिभाषित करने और पारंपरिक अवधारणाओं को चुनौती देने वाले तकनीकी विकास के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने “विज़न 2047” के साथ अपने प्रयासों को संरेखित करने पर जोर दिया। आर्मी कमांडर ने विभिन्न पहलों, स्टार्टअप्स और एमएसएमई के माध्यम से आर्म्ड फोर्सेज , उद्योग और शिक्षा जगत के बीच निर्बाध तालमेल की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिससे डिफेन्स टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत किया जा सके। उन्होंने सभी हितधारकों से परिवर्तन के चालकों, अवधारणाओं और स्तंभों के साथ खुद को संरेखित करने और आर्म्ड फोर्सेज में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों (Niche Technologies) के समावेश को सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने सभा को कमांड द्वारा नवाचार और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए इन -हाउस थिंक टैंक, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस तथा टेक्निकल हब्स स्थापित करने की पहलों के बारे में भी जानकारी दी।
सेमिनार का एक और महत्वपूर्ण पड़ाव “कोलबोरेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट” पर दक्षिण पश्चिम कमांड और गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJUST) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) था। यह एमओयू गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) नर्सी राम बिश्नोई और दक्षिण पश्चिम कमांड के आर्मी कमांडर द्वारा हस्ताक्षरित किया गया । यह सैन्य-नागरिक एकीकरण और भविष्य की चुनौतियों के समाधान खोजने में संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।