बीकानेर,Congress New President: वर्ष 2014 के बाद से लगातार देश भर में हासिये पर पहुंच चुकी कांग्रेस का राजनीतिक अस्तित्व खतरे में है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिया ..कांग्रेस मुक्त भारत… बनाने का नारा सच साबित होने वाला है। आखिर क्या वजह है कि कांग्रेस की राजनीतिक जमीन लगातार खिसकती जा रही है। क्या इसकी सबसे बड़ी वजह कांग्रेस में स्थाई राष्ट्रीय अध्यक्ष का नहीं होना है। आखिर क्यों राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद कांग्रेस को राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं मिल पा रहा है, क्या पार्टी गांधी परिवार से ऊपर नहीं उठ पा रही है। यह सब चर्चा अभी इसलिए फिर से होना शुरू हुई है कि कांग्रेस पार्टी ने अब स्थाई राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है। स्वास्थ्य कारणों से सोनिया गांधी फिलहाल अब यह पद संभालने की स्थिति में नहीं हैं।
मगर सवाल यही है कि अब कांग्रेस का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा। क्या राहुल गांधी को पार्टी का एक धड़ा दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवा पाएगा और क्या राहुल इसके लिए तैयार होंगे या फिर प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथों इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान होगी अथवा गांधी परिवार के बाहर का नेता इस बार कांग्रेस की बागडोर संभालेगा। राहुल गांधी बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों सफल नहीं हो पाए। आइए इत्यादि सवालों के जवाब ढूंढ़ते हैं।
जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की तय होगी तिथि
कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया वैसे तो आज यानि 21 अगस्त से ही शुरू हो जानी थी। मगर तैयारियों में विलंब के चलते इसे कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। हालांकि कांग्रेस चुनाव समिति के अध्यक्ष मधूसूदन मिस्त्री का दावा है कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही अब कांग्रेस कार्य समिति सीडब्ल्यूसी) की इस मसले पर बैठक की जाएगी। इसके बाद चुनाव की तारीख का ऐलान भी कर दिया जाएगा। हालांकि इस दौरान पूर्व में ही पार्टी अध्यक्ष पद के नाम का चुनाव कर लेना चाहती है।
प्रियंका गांधी के अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावना
सूत्रों के अनुसार इस बार प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम को लेकर पार्टी में चर्चा जोरों पर है। पार्टी के ज्यादातर नेता प्रियंका गांधी को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। मगर यूपी विधानसभा चुनाव में उनकी रणनीति का विफल होना और पंजाब, उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी अपने चुनाव प्रचार से कोई कमाल नहीं कर पाना उनकी इस राह में आड़े आ सकता है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी का एक धड़ा राहुल गांधी को ही इसके लिए तैयार करने की कोशिश कर रहा है। मगर वह हामी भरेंगे, इसकी संभावना कम ही लग रही है। ऐसे में प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर मुहर लग सकती है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों को नजदीक देखते हुए हासिये पर चल रही कांग्रेस पार्टी के लिए जल्द राष्ट्रीय अध्यक्ष ढूंढ़न की चुनौती है। नेतृत्व विहीन पार्टी होने से उसकी बची खुची राजनीतिक जमीन भी खिसक जाने का अंदेशा है। कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा धड़ा प्रियंका को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है।
क्या इंदिरा की तर्ज पर होगी प्रियंका की स्वीकार्यता
कांग्रेस पार्टी के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता शुरू से ही प्रियंका गांधी में उनकी दादी व पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की छवि देखते रहे हैं, लेकिन क्या पार्टी के सभी नेता, कार्यकर्ता के साथ आम जनता में इसकी स्वीकार्यता हो पाएगी और क्या वह इंदिरा गांधी जैसा जलवा दिखा पाएंगी, यह दृश्य देखना अभी बाकी है। इंदिरागांधी के समय 10 से अधिक राज्यों में कांग्रेस की अकेले दम पर सरकार थी। मगर अब केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस पार्टी की सरकार रह गई है। देश भर में कांग्रेस के सिर्फ 53 सांसद हैं।
क्यों विफल हुए राहुल गांधी
राहुल गांधी को वर्ष 2017 में पहली बार कांग्रेस का निर्विरोध राष्ट्री अध्यक्ष चुना गया। तब उनकी उम्र 47 वर्ष थी। उनके नेतृत्व में एक बार राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी। बाद में सदस्य संख्या कम होने के बावजूद मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बन गई और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। मगर यह राज्य भी धीरे-धीरे जाते रहे। अब सिर्फ राजस्थान और छत्तीसगढ़ ही कांग्रेस के कब्जे में है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस कदर पिटी की राहुल गांधी अमेठी में अपनी सीट भी हार गए। अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा। इसके बाद उनके विरोध के सुर पार्टी से उठने लगे। फिर राहुल गांधी को दबाव में आकर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।
राहुल गांधी का राजनीतिक करियर
वर्ष 2004 में गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी से पहली बार सांसद बने
वर्ष 2009 और 2014 में दोबारा सांसद बने
वर्ष 2007 में राहुल को कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया
वर्ष 2013 में वह कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने
वर्ष 2017 में पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बने
वर्ष 2019 में अमेठी से लोकसभा चुनाव हार गए। फिर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
अब केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद हैं।