Trending Now




बीकानेर। बीठनोक में अब नेयवली की ओर से 250 मेगावाट का लिग्नाइट बेस पॉवर प्लांट लगना मुश्किल है क्योंकि प्रति यूनिट दरें ज्यादा होने के कारण राज्य सरकार ने बिजली लेने से मना कर दिया है। अब वहां सौर ऊर्जा प्लांट लगाने पर विचार किया जा रहा है। नेयवली की ओर से बीठनोक में 2709 करोड़ रुपए की लागत से लिग्नाइट बेस 250 मेगावाट पॉवर प्लांट लगाना था। जमीन का अधिग्रहण कर 100 करोड़ रुपए मुआवजा भी दे दिया गया। लेकिन, नेयवली और राज्य सरकार के बीच पीपीए के मुताबिक बिजली की दरें पांच रुपए से भी ज्यादा हो गई। सरकार ने महंगी बिजली लेने से इंकार कर दिया। नेयवली ने प्लांट लगाने का काम मैसर्स रिलायंस इंडिया लि. को दिया था।
सरकार के बिजली लेने से मना करने पर काम रोक दिया गया। 26 नवंबर को जयपुर में केन्द्रीय कोल सचिव की अध्यक्षता में राजस्थान में कोल ब्लॉक और उससे बन रही बिजली की स्थिति और पॉवर प्लांट की योजनाओं पर चर्चा हुई।
राज्य के उच्च अधिकारियों, नेयवली के बीकानेर में प्रोजेक्ट हेड की मौजूदगी में बीठनोक में सौर उर्जा प्लांट लगाने विचार-विमर्श किया गया जिससे कि सरकार को सस्ती बिजली मिल सके। नेयवली के अधिकारियों को राज्य सरकार से बातचीत कर ऐसी योजना बनाने के लिए कहा गया कि सौर उर्जा प्लांट लगे और लिग्नाइट से भी बिजली बने जिससे कि राज्य सरकार को रायल्टी भी मिलती रही। मीटिंग में ऊर्जा विभाग के संयुक्त शासन सचिव, खान विभाग के उप शासन सचिव, आरएसएमएम के प्रबंध निदेशक, राजस्थान राज्य विद्युत वितरण निगम लि. के अध्यक्ष एवं पबंध निदेशक सहित खान विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद थे।
बरसिंगसर पॉवर प्लांट का विस्तार रुका
बीठनोक में 250 मेगावाट पॉवर प्लांट के अलावा बरसिंगसर में भी 250 मेगावाट पॉवर प्लांट का विस्तार कर उसे 500 मेगावाट बनाना था। इसके लिए हाडला में लिग्नाइट की माइनिंग कर बरसिंगसर में बिजली बनाने की प्लानिंग थी। लेकिन, अब बरसिंगसर में पॉवर प्लांट का विस्तार भी रोक दिया गया है।

Author